अंतरिक्ष तकनीक आदि क्षेत्र में अब भारत काफ़ी तेज़ी से विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने लगा है। और अब इसी कड़ी में हाल में ही जारी की गई एक आधिकारिक प्रेस रिलीज़ में सरकार ने बताया कि IRNSS (Indian Regional Navigation Satellite System) को आख़िरकार IMO (International Maritime Organisation) द्वारा मान्यता दे दी गई है।
इसके मायने ये हैं कि यह अब हिंद महासागर क्षेत्र में नाविकों की सहायता के लिए WWRNS (World Wide Radio Navigation System) के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा।
ज़ाहिर है यह भारत के लिए एक अहम उपलब्धि है क्योंकि यह IMO द्वारा मान्यता प्राप्त करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। आपको बता दें इस लिस्ट में भारत के अलावा रूस, चीन और अमेरिका शामिल हैं।
इसको लेकर जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है;
“बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW), डायरेक्टरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए यह काफ़ी गर्व की बात है और साथ ही उनकी यह एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज होगी।”
आपको बता दें IRNSS भारतीय सीमा से 1500 किलोमीटर तक के किसी भी जहाज को समुद्र के पानी के आसपास बेहतर तरीके से नेविगेट करने के लिए GLONASS या GPS पर अपने सैटेलाइट सिस्टम के उपयोग आदि करने सहूलियत प्रदान करेगा।
IRNSS भारत में विकसित एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। इसे न केवल भारत में उपयोगकर्ताओं, बल्कि हमारी सीमा से 1500 किमी तक फैले किसी भी क्षेत्र में सटीक लोकेशन डेटा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। साथ ही आपको बता दें IRNSS को पीएम नरेंद्र मोदी ने NavIC का नाम भी दिया है।
आपको बता दें IMO द्वारा मान्यता प्राप्त इस NavIC पोजिशनिंग सिस्टम का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है, यहां तक कि मछली पकड़ने वाले छोटे जहाज भी।
अभी तक यह सिस्टम एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में टेस्टिंग में था। यह नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आठ सैटेलाइटों की मदद लेता है।