दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता में एक संसदीय पैनल ने कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना करते हुए किए गये एक Tweet पर अब सख़्ती दिखाते हुए Twitter से ऐसे Tweet को हटाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
आपको बता दें कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने हाल ही के एक Tweer में सुप्रीम कोर्ट द्वारा Republic Network के प्रमुख अर्नब गोस्वामी को दी गई जमानत पर जज और कोर्ट को लेकर टिप्पणी की थी।
दरसल अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अरेस्ट किया गया था। जिसके बाद देश की सर्वोच्च अदालत ने मामले का संज्ञान लेते हुए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के आधार पर अर्नब गोस्वामी को जमानत देने का आदेश दिया।
लेकिन इस फ़ैसले के बाद कुणाल कामरा ने Twitter पर सुप्रीम कोर्ट को लेकर कुछ कटाक्ष किए। उन्होंने अपने एक Tweet में निम्नलिखित बात कहीं;
The Supreme Court of this country is the the most Supreme joke of this country…
— Kunal Kamra (@kunalkamra88) November 11, 2020
वहीं एक अलग Tweet में कुणाल ने भगवा रंग में रंगे सुप्रीम कोर्ट की तस्वीर को अपलोड किया। इन कथित विवादित ट्वीTweets के लिए कुणाल कामरा को कई Twitter उपयोगकर्ताओं और सत्ताधारी दल के नेताओं की भारी आलोचना का भी सामना करना पड़ा।
Contempt of court it seems 😂😂😂 pic.twitter.com/QOJ7fE11Fy
— Kunal Kamra (@kunalkamra88) November 11, 2020
इस बीच मीनाक्षी लेखी ने Reuters से कहा, “कामरा भारतीय संस्थानों के साथ खेल खेल रहें हैं… हमारे संस्थानों को नीचा दिखाना हम स्वीकार्य नहीं करेंगें।”
इस बीच संसदीय पैनल ने ट्वीट को ‘अश्लील’ कहा और ट्विटर को यह स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया कि उसने कुणाल कामरा के इन Tweets को क्यूँ नहीं हटाया? आपको बता दें जवाब देने के लिए पैनल ने Twitter को सात दिन का समय दिया है।
इस बीच Twitter ने कथित रूप से यह कहा था कि जब तक कोई Tweet प्लेटफ़ॉर्म की नीति का उल्लंघन नहीं करता, तब तक उसको हटाया नहीं जा सकता। लेकिन मीनाक्षी लेखी ने कहा कि Twitter का यह स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है।
आपको बता दें पिछले कुछ दिनों में कंटेंट मॉडरेशन को लेकर देश की सरकार कुछ सख़्त नज़र आ रही है। इसी बीच Twitter ने भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 2020 के राष्ट्रपति चुनावों को लेकर किए गए कई Tweet को चेतावनी के लेवल के साथ टैग करना शुरू किया है, और इसलिए अब देश में भी ऐसी चीज़ों की माँग होने लगी है।
याद दिला दें इसके कुछ ही दिन पहले देश में Twitter को लद्दाख का ग़लत मैप शेयर करने के लिए संसदीय समिति से माँफी माँगनी पड़ी थी। और कंपनी ने लिखित में यह करते हुए इस बात का आश्वासन दिया था कि इस ग़लती को तुरंत ही सुधारा जाएगा।
इस बीच भारत सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर जल्द ही निगरानी नियमों का एक सेट तैयार किए जाने की संभावना है, जिसका मक़सद “फ़ेंक न्यूज़” आदि को कम करने का होगा ये नियम सोशल मीडिया कंपनियों में समर्पित अधिकारियों की तैनाती को लेकर भी लागू हो सकतें हैं, जिसके तहत इन कंपनियों को प्लेटफार्मों पर गैरकानूनी कंटेंट की जांच के लिए का काम भी सौंपा जाएगा।