आख़िरकार Twitter ने लद्दाख को चीन के एक हिस्से के रूप में दिखाते हुए शेयर किए गए ग़लत मैप को लेकर भारतीय संसद की संयुक्त समिति को लिखित रूप से हलफनामा देते हुए माफ़ी माँग ली है। आपको बता दें कुछ दिनों से इसको लेकर देश भर में Twitter के प्रति आक्रोश का माहौल था।
इस संयुक्त समिति (JPC) की चेयरपर्सन मीनाक्षी लेखी ने प्रेस कॉफ़्रेंसे के माध्यम से बताया कि Twitter ने यह माफी भारत के नक्शे को ग़लत रूप से शेयर करने को लेकर माँगी है और इसमें Twitter के चीफ़ प्राइवेसी ऑफ़िसर Damien Karien के साइन भी हैं।
इस बीच इसी संसदीय समिति के सामने दिए गये एक बयान में भारत में Twitter के अधिकारियों ने कहा था कि कंपनी में संवेदनशीलता का सम्मान किया गया है। लेकिन समिति असल में उनकी उस वक़्त कि प्रतिक्रिया से ख़ास संतुष्ट नहीं थी।
इसलिए समिति अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने लिखित माफी और ग़लती सुधार की मांग को लेकर कहा है कि यह देशद्रोह का कार्य है, जिसमें सात साल तक की कैद हो सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखा जाए। जिसके लिए पैनल ने कहा था कि Twitter को अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा साइन किए गये एक शपथ पत्र के रूप में इस माफ़ी को प्रस्तुत करना होगा।
इसके बाद अब मीनाक्षी लेखी ने बताया है कि;
“Twitter ने अब हमें चीन में लद्दाख के साथ ग़लत मैप साझा करने को लेकर एक हलफनामे पर लिखित माफीनामा दिया है। उन्होंने भारतीय भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगी है और 30 नवंबर तक ग़लती को सुधारने का वादा किया है।”
साथ ही यह भी बताया गया कि Twitter ने हलफनामे में कहा है कि यह सब एक गलत जियो-टैग के चलते हुआ और अधूरे डेटा आदि की वजह से सॉफ़्टवेयर में ग़लती हुई।
Twitter ने ये भी बताया कि छले कुछ हफ्तों में कंपनी ने जियो-टैग मुद्दे को इस तरीके से सही करने को लेकर काम किया है कि लेह के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के अन्य शहर अब अपने संबंधित शहरों के नाम, राज्य और देश को दर्शाते हुए सटीक रूप से दिखाए जाएँ।
इसके साथ ही कंपनी जम्मू और कश्मीर में विभिन्न शहरों के लिए भी जियो-टैग की समीक्षा कर रही है। और इन सभी कामों को शुरू कर दिया गया है जिसके 30 नवंबर, 2020 को पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।
इस बेच Twitter ने यह भी कहा कि भारत उसके लिए एक प्राथमिक बाजार था और यह सार्वजनिक बातचीत और समुदायों की सेवा के लिए सरकार के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध रहा है।
कंपनी ने कहा कि भारत में इसकी टीम हर संबंधित मंत्रालय के साथ जुड़ी रहेगी रखेगी। और इस ग़लती के लिए कंपनी माफ़ी माँगती है।