देश के लोकप्रिय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए अक्टूबर महीने में 2 बिलियन लेनदेन का आँकड़ा पार कर लिया है। दिलचस्प यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साल से भी कम समय में मासिक वॉल्यूम में लगभग दो गुना वृद्धि दर्ज की गई हो।
ध्यान रखने वाली यह है कि COVID-19 महामारी के चलते भी देश भर में डिजिटल लेनदेन का चलन काफ़ी तेज़ी से बढ़ा और शायद यह आँकड़े भी उसी का मुख्य परिणाम है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित डिजिटल भुगतान चैनल UPI ने अक्टूबर में कुल 3.7 लाख करोड़ रुपये के 2.07 बिलियन लेनदेन किए। इन आँकड़ो का ऐलान ख़ुद NPCI ने किया है।
इस बीच आपको बता दें कई विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि त्यौहारी सीज़न और अर्थव्यवस्था के वापस पटरी पर लौटने के चलते ऑनलाइन खरीदारी में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है और शायद यह नतीजे उसी को दर्शाते हैं।
असल में UPI पिछले कुछ समय से देश भर में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले रिटेल पेमेंट विकल्प के रूप में उभरा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार डेबिट और क्रेडिट कार्ड की तुलना में अब UPI पेमेंट को लोग अधिक प्राथमिकता देने लगें हैं।
आपको बता दें UPI की शुरुआत देश में पहली बार अप्रैल 2016 में नोटबंदी के कुछ महीने पहले ही हुई थी। और इसने 1 बिलियन लेनदेन का आँकड़ा क़रीब नवंबर 2019 में यानि तीन साल से अधिक समय के बाद हासिल किया था, लेकिन 2 बिलियन तक जाने में इसको अब एक साल से ही कम का समय लगा है। आपको बता दें इस पेमेंट चैनल पर 174 से अधिक बैंक हैं।
इसके साथ ही कई थर्ड पार्टी एप्लिकेशन और पेमेंट सेवा विकल्प जैसे कि Google Pay, PhonePe और Paytm आदि भी उपयोगकर्ताओं के लिए फ्रंट-एंड इंटरफेस प्रदान कर UPI के ज़रिए ही पेमेंट विकल्प की सहूलियत भी देते हैं।
लेकिन सबसे ख़ास बात यह है कि UPI का संचालन करने वाली NPCI ने इस पेमेंट सिस्टम को सिंगापुर, दुबई और म्यांमार सहित अन्य वैश्विक बाजारों में भी शुरू करने की मंशा व्यक्त की है और यह इस दिशा में तेज़ी से प्रयास करती भी नज़र आ रही है।
इस बीच आपको बता दें नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) जो हाईवे टोल बूथों पर Fastag पेमेंट मैनेज करत है, ने भी अपना योगदान देते हुए UPI पेमेंट में अब 2,137 करोड़ रुपये के 122 मिलियन लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया।
दरसल लॉकडाउन के हटने के बाद से ही ट्रांसपोर्ट में भी काफ़ी तेज़ी आई है और इसका सीधा असर NETC के आँकड़ों पर दिख रहा है। आपको बता दें NETC ने फरवरी में 1,843 करोड़ रुपये के लगभग 110 मिलियन Fastag लेनदेन दर्ज किए थे।
वहीं इस बीच बैंक-टू-बैंक ट्रांसफ़र के लिए इस्तेमाल होने वाली IMPS सुविधा ने अक्टूबर में 2.74 लाख करोड़ रुपये के 319 मिलियन लेनदेन दर्ज किए हैं, ये आँकड़े सितंबर में 279 मिलियन थे।
वहीं आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली, जो ग्रामीण भारत के तहत डिजिटल लेनदेन का एक हिस्सा है, ने अक्टूबर में लगभग 150 मिलियन लेनदेन दर्ज किए हैं। इसने भुगतान और निकासी के लिहाज़ से 18,603 करोड़ रुपये का लेनदेन दर्ज किया है।