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Google पर कथित एकाधिकार की कोशिशों के आरोपों के साथ भारतीय स्टार्टअप संस्थापकों ने की CCI से मुलाक़ात

Google पर कथित एकाधिकार की कोशिशों के आरोपों के साथ भारतीय स्टार्टअप संस्थापकों ने की CCI से मुलाक़ात

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देश में Google के कथित एकाधिकार का विरोध करने के लिए बने भारतीय स्टार्टअप ग्रुप को अब गंभीरता से लिया जाने लगा है। जी हाँ! ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार को भारत के एंटीट्रस्ट नियामक ने Payment के सीईओ विजय शेखर शर्मा सहित इस ग्रुप में शामिल अन्य स्टार्टअप संस्थापकों से मुलाकात की। इस मुलाक़ात का मक़सद था कि नियामक कथित से Google द्वारा अपने एकाधिकार के दुरुपयोग को इन संस्थापकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को समझ सके।

आपको बता दें इस ग्रुप में BharatMatrimony, MapMyIndia, TrulyMadly और nCore Games के संस्थापक सहित अन्य 13-15 उद्यमियों शामिल रहे जिन्होंने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के एक अधिकारियों के साथ बैठक की।

दरसल इस बैठक में उन्होंने CCI को कई ताज़ा उदाहरणों के ज़रिए Google पर लगाए जाने वाले आरोपों के बारे में समझाने की कोशिश की और यह भी कहा कि अमेरिका के यह टेक दिग्गज देश के टेक स्टार्टअप ईकोसिस्टम में एकाधिकार की कोशिशें कर रहें हैं और अपने प्रतिद्वंदियों के लिए जानबूझकर बाधाऐं उत्पन्न कर रहें हैं।

दिलचस्प यह है कि इसके कुछ ही हफ़्ते पहले भारतीय स्टार्टअप संस्थापकों का यह दल Google के Play Store संबंधी मुद्दों को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी के साथ भी मुलाकात की थी।

इस बीच आपको बता दें CCI फ़िलहाल भारत में स्मार्ट टीवी को लेकर अन्य कंपनियों को नए एंड्रॉइड सिस्टम के सोल्यूशन आदि विकसित करने से रोकने जैसे आरोपों को लेकर Google की जाँच कर रहा है।

इस बीच ईटी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार यह बताया गया कि इस मीटिंग में कई स्टार्टअप संस्थापकों ने वीडियों कॉल कर ज़रिए शामिल होते हुए भी मुद्दों को उठाया। इन सभी ने CCI के सामने यह भी रखा कि कैसे अमेरिकी टेक दिग्गज़ के चलते भारतीय स्टार्टअप को स्वतंत्र रूप से अपने विस्तार करने में दिक़्क़तें आ रहीं हैं।

इसके साथ ही इस समूह ने CCI को यह भी बताने की कोशिश कि की Google अपने प्रतिद्वंदी नज़र आने वाले समाधानों और कंपनियों पर कैसे प्रत्यक्ष आयर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधता है।

इन सब की शुरुआत तब हुई जब 18 सितंबर को सुबह ही अपनी पॉलिसी में बदलावों की घोषणा करने के कुछ ही समय पर Google ने अपने Play Store से देश के सबसे बड़े फिनटेक ऐप, Paytm को अस्थायी रूप से हटा दिया था।

और इतना ही नहीं इसके कुछ ही दिनों बाद ही Google ने डिजिटल प्रोडक्ट और सेवाओं की इन-ऐप खरीदारी पर 30% कमीशन की भी घोषणा की थी। इन सभी चीज़ों को लेकर स्टार्टअप तंत्र में काफ़ी नाराज़गी देखी गई और बाद में Google को अपना कमीशन संबंधी फ़ैसला एक साल बाद तक के लिए टालना पड़ा।

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लेकिन इन सब के बाद कई स्टार्टअप संस्थापक, ख़ासकर Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने खुलकर Google के ख़िलाफ़ मंचों से बोलना शुरू किया और Google पर “एकाधिकार” की कोशिशों के भी आरोप लगाए।

इस बीच Google बार बार यह सफ़ाई देता रहता है कि वह वैश्विक मानकों के अनुसार ही हर देश में अपनी नीतियों आदि को लागू करता है।

और इतना ही नहीं बल्कि जब Google ने नए कमीशन स्ट्रक्चर की घोषणा की थी तो इसने दावा किया था कि इस नई नीति से Play Store पर केवल 3% ऐप्स ही प्रभावित होंगी।

लेकिन इतना तो साफ़ है कि अब भारत में अमेरिकी तेच दिग्गजों जैसे Apple, Google, Facebook और Amazon पर कई बार जगह जगह से एकाधिकार और ऐसे तमाम आरोपों की आवाज़ सुनाई देती रहती हैं और शायद अब सरकारों और नियामक संस्थानों को ज़रूरत है कि वह उचित रूप से इस दिशा में क़ानूनों की समीक्षा करें और भारतीय स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में काम करें।

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