इस बात में कोई शक नहीं कि COVID-19 महामारी के चलते बने हालातों में बहुत से छोटे और मध्यम व्यवसायों को काफ़ी नुक़सान हुआ है, लेकिन इसके बाद भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत के डिजिटल स्टार्टअप ईकोसिस्टम में निवेश के संबंध में इसका कोई ख़ास असर देखने को नहीं मिला है।
जी हाँ! और इसी के एक उदाहरण के रूप में अब Razorpay ने भी $100 मिलियन के सीरीज़-डी राउंड के निवेश का ऐलान किया है। आपको बता दें यह निवेश दौर सिंगापुर के GIC और मौजूदा निवेशक Sequoia Capital के नेतृत्व में पूरा हुआ।
इस बीच GIC के चीफ़ फ़ंडिंग ऑफ़िसर Choo Yong Cheen ने कहा;
“भारत ने डिजिटल पेमेंट ईकोसिस्टम अपने विकास के स्तर पर है और Razorpay ने ने क्षेत्र में खुद को एक लीडेर के रूप में स्थापित किया है, जो ग्राहक अनुभव और उत्पाद इनोवेशन को लेकर काफ़ी सक्रिय है। GIC के पास वैश्विक स्तर पर कई बड़ी और अग्रणी फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी करने का एक लंबा इतिहास और अनुभव है और इसलिए अब हम पेमेंट और बैंकिंग क्षेत्र में एक नए बदलाव की शुरुआत को लेकर Razorpay के साथ साझेदारी करके बेहद खुश हैं।”
इस बीच जिन अन्य निवेशकों ने इस फ़ंडिंग दौर में भाग लिया उनमें Ribbit Capital, Tiger Global, Y Combinator और Matrix Partners का नाम शामिल है। इस बीच इस नए निवेश के साथ ही कंपनी द्वारा हासिल कुल निवेश $206.5 मिलियन तक पहुँच गया गया है।
वहीं इस नए फंड को हासिल करने के बाद Razorpay के सीईओ हर्षिल माथुर ने कहा कि स्टार्टअप अपने नए नियो-बैंकिंग क्षेत्र को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। दरसल उनके अनुसार कंपनी की पेमेंट गेटवे सेवा पहले से ही सबसे तेज़ी से बढ़ रहे बिज़नेस वर्टिकल में से एक है और इसमें अधिक निवेश की ज़रूरत नहीं है। माथुर ने आगे कहा कि कंपनी अगले साल मार्च के अंत तक RazorpayX और Razorpay Capital नामक दोनों संस्थाओं से Razorpay के कुल राजस्व में लगभग 35% की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिहाज़ से निवेश करेगी।
RazorpayX असल में Razorpay द्वारा पेश किया गया एक व्यवसायिक बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म है। यह ग्राहकों को अपने कर्मचारी पेरोल और अन्य व्यवसाय-संबंधित भुगतानों को अधिक कुशलता से मैनेज करने की सहूलियत देता है।
फ़िलहाल इसके प्लेटफॉर्म का उपयोग 10,000 से अधिक व्यवसाय कर रहे हैं। और अब इस नए निवेश के साथ, Razorpay, सैलरी प्रबंधन, चालान प्रबंधन, टैक्स पेमेंट, और ख़र्च प्रबंधन को RazorpayX प्लेटफ़ॉर्म में जोड़ना चाहता है।
वहीं दूसरी ओर बात करें Razorpay Capital की तो यह एक ऐसा प्लेटफ़ोर्म है जो छोटी या मध्यम आकार की फको लोन देता है। Razorpay Capital पाँच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और दो बैंकों को इसके भागीदार कर इस लोन सुविधा को चला रहा है।
वहीं इस बीच माथुर ने ईटी को दिए एक बयान में कहा;
“RazorpayX और Razorpay Capital दोनों ने बहुत बेहतर प्रतिक्रियाएँ हासिल की हैं। और चूँकि पेमेंट क्षेत्र पहले से ही काफ़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है इसलिए हमें हम इन दोनों वर्टिकल में निवेश कर इनको एक अहम सेवाओं के रूप में तेज़ी से आगे बढ़ाने का प्रयास करना है।”
माथुर के अनुसार कंपनी इसके लिए अपनी वृद्धि, उत्पाद और तकनीकी टीमों में एक अतिरिक्त 500 लोगों को शामिल करेगी। इसके साथ ही कंपनी कुछ नए स्टार्टअप के अधिग्रहण का भी लक्ष्य बना रही है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं किया है।
माथुर के अनुसार;
”अभी अधिग्रहण को लेकर कुछ कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी तक हम ऐसे स्टार्टअप्स की तलाश कर रहे हैं और किसी के साथ कोई चर्चा शुरू नहीं की है।”
इस बीच आपको बता दें Razorpay की शुरुआत 2014 में हर्षिल माथुर और आईआईटी रुड़की के शशांक कुमार ने एक पेमेंट सोल्यूशन प्लेटफ़ोर्म के रूप में की थी जो पेमेंट गेटवे, पेमेंट लिंक, पेमेंट बटन, बिज़नेस बैंकिंग (रेज़रोएपएक्स) और लेंडिंग सर्विस जैसी सेवाएँ प्रदान करता है। कंपनी के प्रतिद्वंदियों में Prosus Ventures का PayU और Pine Labs जैसे नाम शुमार हैं।
इस बेच कंपनी कुछ बड़े नामों को भी अपने ग्राहकों की लिस्ट में शुमार करती है, जिसमें Oyo, Tokopedia, Zomato, Swiggy, Byju’s, Gojek, Zilingo, Truecaller, Yatra, Goibibo, और Airtel शामिल हैं।