Site icon NewsNorth

TCS आने वाले 7 अक्टूबर को कर सकती है अपने शेयरों की वापस खरीद पर विचार: रिपोर्ट

only-25-percent-tcs-employees-will-have-to-come-to-office-by-2025

भारतीय सॉफ़्टवेयर दिग्गज़ Tata Consultancy Services ने 7 अक्टूबर यानि कंपनी बोर्ड की दूसरी तिमाही के परिणामों पर मीटिंग के दौरान शेयरों की वापस खरीद (बायबैक) पर विचार करने का मन बनाया है। आपको बता दें ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक़ रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में इस बात के संकेत दिए हैं।

दरसल 2018 में, कंपनी ने 16,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक किए थे। TCS इस वित्त वर्ष में अपने शेयरों के बायबैक करने वाली पहली तकनीकी कंपनी होगी। TCS के पास मार्च 2020 में 73,993 करोड़ रुपये का नकद भंडार था।

इसके साथ ही कंपनी ने एक अन्य फाइलिंग में यह भी कहा कि यह EPIC Systems Corporation के मामले TCS के संबंध में आगामी परिणामों में असाधारण मद के रूप में ₹1,218 करोड़ प्रदान करेगी। आपको बता दें TCS के खिलाफ Intellectual Property की चोरी के आरोपों को लेकर भी मामले चल रहे हैं। पर इतना ज़रूर है कि इस साल की शुरुआत में ही SEBI द्वारा एक चेतावनी के बाद TCS ने इसको लेकर प्रावधान तय किया है।

दरसल SEBI ने मार्च में EPIC मामले में TCS के खिलाफ एक निर्णायक फैसले के संबंध में चार साल पहले पर्याप्त खुलासे नहीं करने को लेकर कंपनी को एक चेतावनी पत्र भी भेजा था।

आपको बता दें SEBI के अनुसार इस पत्र में कहा गया है कि भले TCS ने यह बताया हो कि अप्रैल 2016 में आया फ़ैसला कंपनी के खिलाफ था, लेकिन इसने उस क्षति की राशि का खुलासा नहीं किया था, जिसे भुगतान करने का आदेश दिया गया था। दरसल क़रीब $940 मिलियन के हर्जाने के ज़िक्र को लेकर नियामक ने अपने पत्र में कहा,

“TCS द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों को 16 अप्रैल, 2016 को किए गए खुलासे में प्रमुखता से निवेशकों के नुकसान का आकलन शामिल होना चाहिए, जो इस सूचीबद्ध इकाई के वित्तीय पहलुओं को लेकर फ़ैसले में बताई गई थीं।”

See Also

फैसले ने 2016 में TCS को $940 मिलियन का भुगतान करने का आदेश दिया था जिसे बाद में 2017 में Wisconsin की अदालत ने इस राशि को $420 मिलियन कर दिया था। और यह अब कम होते हुए $140 मिलियन से भी कम हो गया है।

इस साल अगस्त में अमेरिकी कोर्ट में TCS द्वारा दायर किए गए एक फैसले पर दिए गए नुकसान को कम करते हुए फैसला सुनाया गया था। अदालत ने कहा कि $280 मिलियन का दंड “संवैधानिक रूप से बहुत ज़्यादा” था और जिसके बाद अदालत ने इसको कम कर दिया था और ट्रायल कोर्ट को इस राशि को लेकर आश्वासन देने संबंधी निर्देश दिए थे। इस बीच कोर्ट ने $140 मिलियन का हर्जाना बरक़रार रखा था।

इस बीच TCS ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि सितंबर 2020 में उसने इस क्षतिपूर्ति दंड आदि को लेकर फिर से सुनवाई की मांग करते हुए याचिका दायर की है। इसके साथ ही दूसरे पक्ष ने भी राशि को कम किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका दायर की है।

Exit mobile version