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चीन TikTok को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के बजाए ‘बंद’ करने का ही फ़ैसला ले सकता है: रिपोर्ट

चीन TikTok को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के बजाए ‘बंद’ करने का ही फ़ैसला ले सकता है: रिपोर्ट

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अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक और तकनीक युद्ध का अंदाज़ा तो दुनिया भर को है, लेकिन हाल ही में TikTok के चलते यह खुलकर सबके सामने आया और रोज़ ही यह मामला नयी दिलचस्प संभावनाओं और ख़बरों के साथ बढ़ता ही जा रहा है।

ज़ाहिर है TikTok आगामी अमेरिकी चुनावों आदि के चलते अब इन दोनों देशों के बीच का एक राजनैतिक मुद्दा बनता जा रहा है और यही कारण है कि Reuters की एक नई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ByteDance और चीन अब TikTok के अमेरिकी कारोबार को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के बजाए बंद करना ज़्यादा पसंद कर रहा है।

दरसल रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि किसी जबरन बिक्री से न केवल ByteDance कमजोर होगा, बल्कि चीन को भी दुनिया के व्यापारिक जगत में एक बड़ा झटका लगेगा। इसका साफ़ सा मतलब है कि चीनी प्रशासन कमजोर दिखाई देगा। और इसलिए अब यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार 28 अगस्त को घोषित नए निर्यात नियमों का उपयोग करते हुए AI आधारित तकनीकी उत्पाद जैसे TikTok आदि के ऐसे सौदों पर रोक लगा सकती है।

इसके साथ ही 20 सितंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा निर्धारित समय सीमा भी ख़त्म होने वाली है, जिसके बाद अमेरिकी कंपनियां ByteDance के साथ कोई लेनदेन नहीं कर सकेंगी। इसलिए फ़िलहाल अमेरिकी कंपनियों ने भी अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।

अब तक इस रेस में Microsoft, Google, Twitter, Oracle, Walmart और कई अन्य बड़ी दिग्गज़ कंपनियों ने TikTok को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। दरसल पहले तो Microsoft के साथ सबसे पहले इस समझौते के होने की ख़बरें आयी थीं, लेकिन इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने तुरंत ही एक नई शर्त रख दी और उसके बाद 45 दिनों के अंदर डील क्लोज़ करने या फिर अमेरिका छोड़ने का अल्टीमेटम प्रदान किया।

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लेकिन ऐसा देखते हुए चीन ने 28 अगस्त को ही इस सौदे से संबंध रखते हुए एक नियम जारी कर दिया था। यह नियम ही अब ऐसा लगता है कि अमेरिका में अब TikTok का भविष्य तय करेगा।

दरसल TiKTok को भारत सहित अमेरिका में भी चीनी सरकार के साथ सीधे जुड़े रहने के आरोपों के बीच उपयोगकर्ता डेटा चीनी सरकार के साथ शेयर करने को लेकर बैन किया गया है। सरकारों ने गोपनीयता और सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए अपने अपने देश में इस ऐप को बैन किया है।

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