Google एक नई सुविधा के साथ भारतीय बाज़ार में प्रवेश कर रहा है। दरसल Google ने अब बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को समय से पहले चेतावनी देने में मदद करने के लिए अपनी नई सुविधा की पेशकश करने का ऐलान किया है।
Google Flood Forecast Service अब असल में पूरे भारत को कवर करेगी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित यह सेवा बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करेगी और वहां रहने वाले निवासियों को पहले से ही अलर्ट भेजेगी।
आपको बता दें इस सेवा को कंपनी भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी लॉंच कर रही है, जो हर साल भयंकर बाढ़ का सामना करता है। इसके लिए Google और बांग्लादेश के जल विकास बोर्ड ने साझेदारी की है। यह सर्च इंजन कंपनी भारतीय केंद्रीय जल आयोग, इजरायल प्रौद्योगिकी संस्थान और Bar-Ilan विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी के तहत काम करती नज़र आएगी।
बाढ़ का पहले से ही अनुमान लगाने वाला यह टूल असल में दुनिया भर की नदियों के डेटा का उपयोग करता है। यह उन नदियों के जल स्तर, वर्षा और बाढ़ सिमुलेशन का अध्ययन करता है, और इस डेटा के आधार पर एक पूर्वानुमान मॉडल बनाता है।
इसके साथ ही Google ने यह भी कहा है कि वह कई नए मॉडल आज़मा रहा है जो अधिक सटीक तरीक़े से चेतावनी दे पाएँगें। उनका वर्तमान मॉडल फ़िलहाल बाढ़ की गहराई के बारे में डेटा प्रदान करता है और इसके पुराने सिस्टम की तुलना में अलर्ट के टाइम को दोगुना भी करता है।
इस बीच Google अपने अलर्ट सिस्टम को और अधिक सुलभ बनाने पर भी काम कर रहा है, जिसके तहत यह बंगाली, हिंदी सहित कई अन्य स्थानीय भाषाओं को भी जोड़ता नज़र आएगा ताकि अलर्ट क्षेत्र में हर कोई अपनी भाषा में चेतावनी को आसानी से समझ सके।
इसके साथ ही कंपनी ने उपयोगकर्ताओं के डिवाइसों पर संदेश अलर्ट कैसे दिखाई देगा इसको लेकर भी अपडेट जारी की है और साथ ही यह बाढ़ को लेकर अलर्ट के लिए 30 मिलियन एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के डिवाइसों तक पहुँच रखने का दावा करता है। और इस टेक दिग्गज़ कंपनी का यह भी कहना है कि अलर्ट सिस्टम अब अधिक स्थानीय और सटीक है।
आपको बता दें यह सेवा 2018 में बिहार की राजधानी पटना में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी। तब से Google ने पूरे भारत में कई अन्य स्थानीय सरकारों के साथ काम किया है, और जून तक सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को कवर कर लिया है। Google के मुताबिक़ भारत में लगभग 200 मिलियन लोग और बांग्लादेश में 40 मिलियन लोग अब बाढ़ अलर्ट प्राप्त कर सकेंगे।
वहीं Yale के वैज्ञानिकों के सहयोग से Google ने गंगा-ब्रह्मपुत्र का एक अध्ययन किया और इससे शानदार परिणाम हासिल किए।
पानी के आवासीय क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले 70% लोगों ने बाढ़ संबंधी अलर्ट प्राप्त किया और 65% लोगों ने तुरंत इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी। लेकिन निवासियों ने अभी भी ऐसे क्षेत्रों में स्मार्टफोन और नेटवर्क की कम पहुँच को लेकर शिकायत की और कई जगह स्थानीय नेताओं ने लाउडस्पीकर से बाढ़ की चेतावनी को प्राथमिकता देने की भी अपील की है।
लेकिन अब इस मुद्दे से निपटने के लिए Google ने कहा कि इसने International Federation of Red Cross and Red Crescent Societies के साथ एक डील की है, जिसके चलते वह अपने स्वयं के नेटवर्क के माध्यम से अलर्ट फैलाने में मदद करेगा।