अपने घरेलू बाजार में सफलता हासिल करने के बाद अब Facebook News ने विदेशी बाजारों की ओर रूख करने का फ़ैसला किया है।
दरसल Facebook अब अपने इस प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर स्थिर ग्राहकों की संख्या को बढ़ाने के और अधिक तरीकों की तलाश कर रही है। और इसी कड़ी में अब यह फ़ीचर 6 महीने से 1 साल के बीच भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और ब्राजील जैसे अन्य बाजारों में भी लॉंच किया जा सकता है।
इस बात में तो कोई शक नहीं है कि Facebook ने अमेरिका में अपने प्लेटफ़ॉर्म पर News के लिए विशेष रूप से Facebook News को लॉंच करके एक बड़ा जोखिम लिया था।
इस फीचर के ज़रिए उपयोगकर्ताओं को अब Facebook पर लॉगिन करने से दैनिक रूप से समाचारों के लिए एक विशेष टैब मिलता है, जहाँ वह दिन भर की अपडेट पढ़ सकतें हैं। लेकिन दिलचस्प यह है कि इस फ़ीचर के तहत उपयोगकर्ता अपनी टाइम-लाइन में दिखने वाली स्टोरीज़ पर भी अधिक कंट्रोल हासिल कर पाते हैं।
इस बीच इसको जोखिम के तौर पर इसलिए भी कहा जा रहा था क्योंकि इसके ज़रिए अब Facebook इंटरनेट पर एक और अहम चीज़ यानि News को कंट्रोल करने की क्षमता हासिल करने जा रहा था। और यह तो हम सब जानते हैं कि Facebook पर समय समय पर फ़ेंक न्यूज़ फैलाने से लेकर अपने बिज़नेस में फ़ायदे के लिए विवादों से भरे कांटेंट को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहें हैं।
लेकिन अब जब अमेरिका के बाद Facebook ने भारत सहित अन्य देशों में भी इस फ़ीचर को लॉंच करने का ऐलान किया है, तो ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि अमेरिका में कंपनी ने अपने Facebook News फ़ीचर को सफ़लता की श्रेणी में डाल दिया है।
ख़ास यह है कि कंपनी के अनुसार वह प्रत्येक देश में इस फ़ीचर में शामिल कांटेंट पब्लिशर्स को भुगतान भी करेगी। दरसल हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने एक नया कानून प्रस्तावित किया है, जिसके तहत Google और Facebook जैसी कंपनियों को किसी भी मालिकाना कांटेंट के लिए मीडिया हाउस को भुगतान करने के आदेश दिए गये हैं।
इस बीच जहाँ Facebook News के जल्द ही भारत में लॉंच होने की संभावनाएँ बनती नज़र आ रहीं हैं, वहीं यह कहना अभी थोड़ा मुश्किल है कि यह अमेरिका में लॉंच किए गये इस फ़ीचर से हुबहू मिलता हुआ होगा।
दरसल Facebook ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा;
“उपभोक्ता की आदतें और न्यूज़ लिस्ट देश के अनुसार बदलती हैं, इसलिए हम प्रत्येक देश में न्यूज़ पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि लोगों के लिए एक शानदार अनुभव देने की कोशिश की जा सके और साथ ही पब्लिशर्स के बिज़नेस मॉडल का भी सम्मान किया जा सके।”