Swiggy की मुश्किलें अभी भी कम होती नज़र नहीं आ रहीं हैं। दरसल भले बुधवार को Swiggy ने थोड़े बड़े पैमाने पर सेवाएं फिर से शुरू कीं हों, लेकिन अभी भी चेन्नई में उसके अधिकांश डिलीवरी पार्टनर नई वेतन नीति के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
दरसल ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, भर्ती के दौरान वादे के अनुसार वेतन वृद्धि की मांग को लेकर शुक्रवार से ही करीब 5,000 Swiggy डिलीवरी पार्टनर कंपनी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं।
इन प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने पिछले हफ़्ते प्रोत्साहन राशि में 50% -60% की कटौती की है और 20 अन्य साप्ताहिक और मासिक प्रोत्साहनों को भी बंद कर दिया है।
रिपोर्ट में विरोध कर रहे एक कर्मचारी के हवाले से कहा गया कि एक रेस्तरां में लगभग 45 मिनट तक इंतजार करने और लगभग 7 किमी दूर एक ग्राहक के घर फ़ूड डिलीवरी करने पर उसको ₹35 का भुगतान किया गया। रुपये इस नई नीति के पहले तक उनको इतने ही काम के लिए दोगुना भुगतान किया जाता था।
इतना ही नहीं बल्कि पेट्रोल की लागत और खाद्य दरों में वृद्धि को देखते हुए इन प्रदर्शंकरियों का दावा है कि उनकी दैनिक कमाई सिर्फ 50% रह गई है।
वहीं रिपोर्ट के अनुसार अन्य कई लोगों ने कहा कि प्रोत्साहन ग्राहक के फ़ीड्बैक के बजाय डिलीवर किए गये ऑर्डर की संख्या पर आधारित होना चाहिए क्योंकि कुछ लोग बिना ग़लती के भी ख़राब फ़ीड्बैक देते हैं।
इस बीच Swiggy के प्रवक्ता ने इन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि डिलीवरी पार्टनर ने सिर्फ़ ₹5 प्रति ऑर्डर कमाई की है, जबकि कुछ अन्य ने ₹45 प्रति ऑर्डर और कुछ ने तो ₹100 प्रति ऑर्डर के भी दिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि सर्विस फ़ीस दूरी, वेटिंग टाइम, ग्राहक अनुभव और प्रोत्साहन पर आधारित है और ₹15 सिर्फ़ इन कारकों में से एक कारक का ही भुगतान है।