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कांग्रेस का आरोप, Facebook भारत में अपने ही नियमों को ताक में रख, देता है बीजेपी को बढ़ावा

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Anthony Quintano from Honolulu, HI, United States [CC BY]

आजकल राजनैतिक पार्टियाँ भी सोशल मीडिया को अहम मुद्दों में शुमार करने लगी हैं। और इसी कड़ी में अब भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने Facebook को आड़े हाथों लेते हुए कंपनी पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नियमों से विपरीत जाकर फ़ायदा पहुँचाने का आरोप लगाया है।

इस मामले में कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में एक संसदीय पैनल के द्वारा इसकी जांच की मांग की है। माकन ने समाचार ब्रीफिंग में कहा,

“कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ दल के साथ Facebook और WhatsApp कर्मचारियों के संबंधों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग करती है।”

यह पूरा मामला शुरू हुआ WSJ की एक रिपोर्ट से जिसमें इसने Facebook पर व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए भाजपा के मंत्रियों की भड़काऊ टिप्पणियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। WSJ ने बताया कि Facebook India की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास ने स्टाफ सदस्यों से कहा कि भाजपा के राजनेताओं पर  “उल्लंघन” आदि को लगाना कंपनी की व्यापारिक संभावनाओं को नुकसान पहुंचाएगा और Facebook को अपने सबसे बड़े वैश्विक बाजार में उपयोगकर्ताओं की संख्या के लिहाज़ से भी नुकसान पहुँचाएगा।

और अब कांग्रेस पार्टी ने इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए Facebook और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार दोनों पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा भारत में Facebook और WhatsApp को नियंत्रित करती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा फर्जी खबरें फैलाते हुए, नफरत और मतदाताओं को प्रभावित करने के मक़सद से इन सबका इस्तेमाल करती है।

ऐसे में कई चीज़ें यहाँ सच भी हो सकती हैं और कुछ नहीं भी। दरसल Facebook पर पहले ही अन्य देशों में ऐसे आरोप लगते रहें हैं। ख़ासकर 2016 के अमेरिकी चुनावों में कंपनी की भूमिका पर गंभीर सवाल उठते रहें हैं, और कहा जाता है कि प्लेटफ़ोर्म का डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के पीछे काफ़ी बड़ा हाथ रहा था।

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तब भी Facebook पर Trump के आपत्तिजनक बयानों को प्लेटफ़ोर्म से न हटाने का आरोप लगा था, जिसने स्पष्ट रूप से हिंसा आदि को भी बढ़ावा दिया था। वही Twitter ने इन पोस्ट को हटाते हुए अपनी कांटेंट  मॉडरेशन नीतियों के उल्लंघन पर Trump आदि के कई Tweets को कई बार रेड फ़्लैग किया है।

साथ ही Facebook ने भले ही बाद में Trump के कुछ पोस्ट को हटाया, लेकिन यह तब जब कई सांसदों और लोगों ने कंपनी की खुलकर निंदा शुरू की। हाल ही में इसी के चलते कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट्स ने Facebook पर विज्ञापनों को बंद करने का भी अभियान चलाया।

ज़ाहिर है भारत में भी Facebook के बड़े पैमाने पर व्यावसायिक हित नज़र आतें हैं। पहले तो ये कि भारत Facebook और WhatsApp के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े यूजरबेस में गिना जाता है। और उसके बाद हाल ही में ही कंपनी ने मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले Jio Platforms में भी क़रीब 10% की हिस्सेदारी ख़रीदते हुए $5.7 बिलियन का निवेश किया है।

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