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सरकार की eSanjeevani व eSanjeevaniOPD टेली-मेडिसिन सेवाओं ने पार किया 1.5 लाख टेली-कॉन्सल्टेशन का आँकड़ा

सरकार की eSanjeevani व eSanjeevaniOPD टेली-मेडिसिन सेवाओं ने पार किया 1.5 लाख टेली-कॉन्सल्टेशन का आँकड़ा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने ताज़ा बयान में बताया कि ‘नेशनल टेली-मेडिसिन’ सेवा को लेकर काम कर रहे दो सरकारी प्लेटफार्मों ‘eSanjeevani’ और ‘eSanjeevaniOPD’ ने अब 1.5 लाख टेली-कॉन्सल्टेशन का आँकड़ा पार कर लिया है।

दरसल रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने टेलीमेडिसिन सुविधा को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समीक्षा बैठक की। साथ ही इस कार्यक्रम में अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों के अलावा MoS स्वास्थ्य मंत्रालय, अश्विनी कुमार चौबे ने भी भाग लिया।

आपको बता दें ‘eSanjeevani ’और ‘eSanjeevaniOPD’ टेलीमेडिसिन सेवाओं ने नवंबर 2019 के बाद से कुछ ही समय में 23 राज्यों (जिसमें 75% आबादी शामिल है) में अपनी शुरू कर दी थीं

दरसल इन टेली-कॉन्सल्टेशन सुविधाओं में रोगियों को डॉक्टर और डॉक्टर से डॉक्टर को परामर्श करने की सुविधा मिलती है।

दिलचस्प यह है कि eSeeeevani प्लेटफॉर्म ने दो प्रकार की टेलीमेडिसिन सेवाओं को शुरू किया है, जिसमें डॉक्टर-टू-डॉक्टर (eSanjeevani) और रोगी-से-डॉक्टर (eSanjeevani OPD) टेली-कंसलटेशन सुविधा शामिल हैं।

बता दें यह सुविधाएँ Ayushman Bharat Health और Wellness Centre (AB-HWCs) प्रोग्राम के तहत चलायी जा रहीं हैं।

आँकड़ो की बात करें तो वर्तमान में औसतन प्रति दिन लगभग 5,000 कंसलटेशन सुविधा का लाभ उठाया जाता है, जिसमें eSanjeevani और eSanjeevaniOPD दोनों शामिल हैं।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टेलीमेडिसिन सेवा प्लेटफार्मों पर देशभर में अब तक दिए गए कुल 1,58,000 टेली-कॉन्सल्टेशन में से 67,000 को आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में ‘eSanjeevani’ के माध्यम से और 91,000 रोगी-से-डॉक्टर परामर्श ‘eSanjeevaniOPDD’ के माध्यम से प्रदान किए गए।

बता दें टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म 40 से अधिक ऑनलाइन OPD की मेजबानी कर रहें हैं, जिनमें आधे से अधिक विशेष OPD हैं, जिनमें एड्स/एचआईवी रोगियों, गैर-संचारी रोग (NCD), स्त्री रोग, मनोचिकित्सा, त्वचा विज्ञान, ENT, नेत्र रोग, एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) आदि शामिल हैं।

वहीं इन सुविधाओं का लाभ उठाने वाले टॉप 10 राज्यों में तमिलनाडु (32,035), आंध्र प्रदेश (28,960), हिमाचल प्रदेश (24,527), उत्तर प्रदेश (20,030), केरल (15,988), गुजरात (7127), पंजाब (4450), राजस्थान (3548), महाराष्ट्र (3284) और उत्तराखंड (2596) शुमार हैं।

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