Now Reading
भारत के स्मार्टफ़ोन बाजार में चीनी ब्रांडों की हिस्सेदारी घटकर पहुँची 72% तक: रिपोर्ट

भारत के स्मार्टफ़ोन बाजार में चीनी ब्रांडों की हिस्सेदारी घटकर पहुँची 72% तक: रिपोर्ट

samsung-qualcomm-oppose-indias-live-tv-on-phones-plan

जैसा स्वाभाविक लग रहा था, भारत और चीन के बीच बढ़े विवाद के बाद देश में चली बॉयकॉट चाईना मुहिम का असर अब स्मार्टफ़ोन बाज़ार में भी दिखने लगा है।

दरसल ईटी की एक रिपोर्ट के ज़रिए Counterpoint Research का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस साल के शुरू के तीन महीनों में 81% की उछाल की तुलना में 30 जून को समाप्त तिमाही तक में भारत के स्मार्टफोन बाजार में चीनी ब्रांडों की हिस्सेदारी घटकर 72% ही रह गई।

दरसल इस तिमाही के दौरान स्मार्टफोन शिपमेंट में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जो 51% साल-दर-साल गिरकर 18 मिलियन यूनिट ही रह गई। इसका एक बड़ा कारण यह भी था कि लॉकडाउन के शुरू के 40 दिनों तक मैन्युफ़ैक्चरिंग और बिक्री पूरी तरह ठप थी।

Counterpoint Research के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, प्रचीर सिंह ने कहा कि COVID-19 महामारी के चलते हुए लगभग 40 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की वजह से मैन्युफ़ैक्चरिंग के साथ ही साथ देश भर में होने वाली स्मार्टफोन की बिक्री भी एक दाम से सिमट कर रह गई है।

ज़ाहिर है, जून तक में स्मार्टफोन की बिक्री में गिरावट आई, जो सालाना आधार पर तो फ़िलहाल केवल 0.3% की गिरावट ही नज़र आ रही है। लेकिन इतना ज़रूर है कि इसी दौरान बाजार में हिस्सेदारी में वापस बढ़त बनाने   के मामले Samsung को काफ़ी लाभ मिला।

आपको बता दें इस दक्षिण कोरियाई स्मार्टफोन निर्माता ने अप्रैल-जून की अवधि में 26% बाजार हिस्सेदारी दर्ज की, जो इस साल की पहली तिमाही में सिर्फ़ 16% ही थी।

वहीं इस दौरान Realme की हिस्सेदारी में कमी आई और यह 11% तक सिमट गई, जो साल की पहली तिमाही तक 14% थी। इतना ही नहीं Oppo की भी बाज़ार हिस्सेदारी 9% तक आ गई, जो पहली तिमाही के 12% के आँकड़े से काफ़ी कम है।

दरसल रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस दौरान Samsung से लेकर Micromax जैसी स्थानीय कामपनियों के पास देश के स्मार्टफ़ोन बाज़ार में अपनी स्थिति को मज़बूत करने का एक सुनहरा अवसर था।

See Also
pm-modi-inaugurates-namo-bharat-india-first-rapid-train

वहीं ई-कॉमर्स क्षेत्र ने अप्रैल-जून तिमाही में स्मार्टफोन की कुल बिक्री का 45% हिस्सा हासिल किया, जिसमें चीनी ब्रांडों से दूरी बनाने वाले अभियान का ख़ासा असर दिखाई नहीं पड़ा। दरसल जानकार कहते हैं कि देश में लो और मिड रेंज में शायद ही ग्राहकों के पास चीनी ब्रांड से बेहतर कोई ज़्यादा विकल्प मौजूद हैं, इसलिए ऑनलाइन बिक्री में चीनी स्मार्ट्फ़ोन कंपनियों ने कोई ख़ास नुक़सान नहीं उठाया।

दरसल मई में स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री के Vocal For Local के आह्वान के बाद से ही देश में Made In India चीज़ों को लेकर माहौल बना हुआ है और जून में भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़े तनाव ने इस मुहिम को और भी बल दे दिया है।

लेकिन स्मार्टफ़ोन क्षेत्र में अभी भी चीनी ब्रांड को पीछे छोड़ना थोड़ा मुश्किल नज़र आ रहा है, क्योंकि किफ़ायती फ़ोनो को लेकर चीन के ब्रांड के अलावा भारत में बहुत अधिक विकल्प नहीं हैं। और अगर विकल्प हैं भी तो वह अभी तक उतने टिकाऊ साबित नहीं हो सकें हैं। वहीं आपको बता दें भारत का कुल स्मार्टफोन उपयोगकर्ता आधार भी मौजूदा समय में 500 मिलियन का आँकड़ा पार कर चुका है।

 

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.