जैसा कि आपको हमनें पहले ही बताया था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की राजस्व रिपोर्ट कंपनियाँ सामने लाने लगी हैं और इस बार इस कड़ी में नाम जुड़ा है HCL Technologies का।
जी हाँ! असल में HCL Technologies ने 30 जून 2020 को समाप्त हुए इस तीन महीनों की तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7.3% की गिरावट के साथ ₹2,925 करोड़ की गिरावट दर्ज की।
वहीं कंपनी के साल-दर-साल लाभ की बात करें तो यह 31.7% बढ़ा था। दरसल आपको बता दें यह आँकड़े ₹17,841 करोड़ के राजस्व को दर्शाते हैं, जिसमें क्रमबद्ध तरीक़े से 4% की गिरावट लेकिन साल-दर-साल के तौर पर 8.6% की बढ़त देखी गई।
ज़ाहिर सी बात है कि आँकड़ों में यह उथल-पुथल कोरोनावायरस महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट के चलते नज़र आ रही है, जिसकी वझ से सभी भारतीय आईटी कंपनियों के राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुए। इसका एक बड़ा कारण भी था, असल में इन कंपनियों के अधिकतर वैश्विक ग्राहकों ने अपने अपने आईटी खर्च में कटौती की है और कई प्रोजेक्ट को रोक दिया।
HCL जो TCS और Infosys के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा फर्म है, ने राजस्व पूर्वानुमान जारी करने की प्रथा को फिर से शुरू करते हुए कहा कि कंपनी अगली तिमाहियों में राजस्व को 1.5% से 2.5% तक बढ़ाने की उम्मीद कर रह रही है। साथ ही कंपनी का कहना है कि इसका ऑपरेटिंग मार्जिन वित्त वर्ष 2021 के लिए 19.5% से 20.5% के बीच रहेगा।
इस बीच एक और दिलचस्प ऐलान हुआ, दरसल HCL ने बताया कि अब कंपनी के चेयरमैन शिव नादर के स्थान पर 17 जुलाई, 2020 से बोर्ड के अध्यक्ष और कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में रोशनी नादर मल्होत्रा को नियुक्त किया है। शिव ने ख़ुद ही पद से हटने की इच्छा व्यक्त की थी।
इस बीच आपको बता दें कि शिव नादर कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य रणनीति अधिकारी के रूप में काम करना जारी रखेंगे। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि कंपनी ने महामारी के हालतों को स्वीकार करते हुए हर स्तर पर थोड़ा लचीलापन लाने पर जोर दिया है।
वहीं HCL Technologies के सीईओ, सी. विजयकुमार की मानें तो रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि HCL एक तेज मांग के माहौल और एक मजबूत पाइपलाइन की आशा कर रहा है और कंपनी को भरोसा है कि वह और भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ेगी।