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Zoom ने अपने चीन से लिंक होने की बात पर दी सफ़ाई; बताया भारत में और भी निवेश करने का बना रहें हैं प्लान

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom के साथ विवादों का सिलसिला है की ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। पहले सुरक्षा मुद्दों पर भारी आलोचना और विवादों का सामना करने के बाद अब Zoom भारत में एक बार फिर से अपने कथित चीनी संबंधों को लेकर विवादों में है।

लेकिन इस बीच कंपनी इस बार हर तरीक़े से अपनी साख बचाने की कोशिशें करती नज़र आ रही है, और इसी कड़ी में अब कंपनी ने अधिकारिक रूप से चीन से अपने लिंक होने की ख़बरों को बेबुनियाद बताते हुए, इन आरोपों से इनकार कर दिया है।

ईटी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़ Zoom में इंजीनियरिंग व प्रोडक्ट विभाग के अध्यक्ष Velchamy Sankarlingam ने कहा;

“Zoom से संबंधित तथ्यों के बारे में कुछ भ्रम फैलाए जा रहें हैं। Zoom हमेशा से अपनी पहचान को लेकर स्पष्ट रहा है। Zoom एक अमेरिकी कंपनी है, जिसका सार्वजनिक रूप से NASDAQ पर कारोबार होता है, और हमारा सैन होज़े, कैलिफ़ोर्निया में मुख्यालय है।”

“कई वैश्विक तकनीकी कंपनियों की तरह Zoom का भी चीन में एक ऑफ़िस है, जो अमेरिकी पैरेंट कंपनी की सहायक कंपनियों द्वारा संचालित होता है।”

इसके साथ ही भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने यह भी बताया कि भारत में Zoom का मुख्य ऑफ़िस मुंबई में स्थित है और इसके साथ भी कंपनी ने देश के भीतर ही मुंबई और हैदराबाद में दो डेटा सेंटर स्थापित कर रखें हैं।

आपको याद दिला दें पिछले हफ्ते

ही भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स को देश में बैन कर दिया था। इसके पीछे सरकार ने इन ऐप्स पर देश की “संप्रभुता और सुरक्षा” के साथ समझौता करने का आरोप लगाते हुए यह कार्यवाई की थी। आपको बता दें इसमें कई नामी ऐप भी शामिल थे, जैसे TikTok, WeChat, Shareit, Camscanner आदि।

ज़ाहिर है यह क़दम ऐसे में आया है जब दोनों देशों के बीच उत्तरी सीमाओं पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है और भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति लगातार बढ़ती ही जा रही है।

स्वाभाविक रूप से COVID-19 महामारी के दौरान बने हालातों के चलते Zoom ने डाउनलोड में काफ़ी बड़ी उछाल दर्ज की है और यह लगातार अपने क्षेत्र के अग्रणी खिलाड़ी के तौर पर उभरकर सामने आया है।

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लेकिन अप्रैल में कई अन्य देशों की तरह भारतीय गृह मंत्रालय ने भी Zoom को सुरक्षा मुद्दों के कारण एक चेतावनी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि Zoom एक सुरक्षित मंच नहीं है।

लेकिन इसके बाद Zoom ने कई क़दम उठाते हुए अपने प्लेटफ़ोर्म में कई बदलाव किए और विभिन्न सुरक्षा उपायों के साथ एक कड़ी सुरक्षा प्रणाली का दावा लेकर वापस बाज़ार में आया मई में ही अपने प्लेटफॉर्म पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन रोलआउट करने के लिए इसने Keybase का अधिग्रहण तक किया।

इस बीच रिपोर्ट के मुताबिक़ Sankarlingam ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि कंपनी अगले पांच सालों में देश में महत्वपूर्ण निवेश की योजना बना रही है , जिसमें प्लेटफ़ोर्म का विस्तार करने के साथ ही साथ अपने क्षेत्र में अधिक टॉप टैलेंट्स को अपने साथ शामिल करना भी शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि Zoom के तीन टॉप अधिकारी भारतीय मूल के हैं जिनमें COO अपर्णा बावा और कॉर्पोरेट मुख्य सूचना अधिकारी सुनील मदान शामिल हैं।

इसके साथ ही वह यह भी बताना नहीं भूले की Zoom के लिए भारत कुछ अहम बाज़ारों में से एक है और इस क्षेत्र में देश के अंदर कंपनी नए रोमांचक अवसर भी देख रही है, जिसको लेकर वह काफ़ी उत्साहित हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया के साथ-साथ कंपनी शामिल सभी लोगों को Zoom से भी जोड़ने का प्रयास करेगी।

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