जैसा कि आपको पता ही है, भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते दोनों देशों के बीच के व्यापारिक रिश्तों में भी इसका व्यापाक असर दिखने लगा है।
और इसका एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है Zomato से जुड़ा हुआ। जी हाँ! दरसल सामने आयी ख़बरों के मुताबिक़ चीन से विदेशी निवेश पर भारत के प्रतिबंधों के बीच Zomato अब कथित रूप से अपनी हाल ही की फ़ंडिंग को काटने पर विचार कर रहा है। जो उसने इसी साल जनवरी में हासिल की थी।
दरसल FT की एक रिपोर्ट के अनुसार Zomato ने अपने इस राउंड की फ़ंडिंग में सबसे हालिया $150 मिलियन के फ़ंड में से लगभग $100 मिलियन का ही फ़ंड लॉक किया है।
आपको बता दें जनवरी में Zomato ने अपने मौजूदा निवेशक और Alibaba Group के फाइनेंशियल आर्म, Ant Financial से $150 मिलियन का निवेश प्राप्त किया था।
इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दें कि Zomato ने अभी यह फ़ंडिंग राउंड क्लोज़ नहीं किया है, क्योंकि कंपनी इस राउंड में क़रीब $500 मिलियन तक का निवेश अर्जित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। लेकिन स्वाभाविक रूप से COVID-19 के चलते बने नए हालातों नें फ़िलहाल इस निवेश प्रक्रिया में थोड़ा ब्रेक सा लगा दिया है।
लेकिन जहाँ एक तरफ़ COVID-19 के आर्थिक प्रभाव के चलते स्टार्टअप्स को नुक़सान होना जारी है, वहीं अब भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव में जिस तरह से रोज़ाना बढ़ौतरी हो रही है, उससे साफ़ हो गया है कि आने वाले कुछ समय तक Zomato और आदि भारतीय स्टार्टअप के लिए सीधे तौर पर चीन से निवेश हासिल कर पाना आसान तो नहीं रहने वाला।
याद दिला दें भारत ने हाल ही में देश की FDI नीति को भी अपडेट करते हुए, जिसमें देश की सीमाओं से सटें देशों से प्रत्यक्ष निवेश पर रोक लगा दी थी। और ज़ाहिर है इससे सबसे अधिक प्रभावित चीन ही हुआ, क्योंकि चीनी निवेशक हमेशा से भारतीय कंपनियों के लिए निवेश का एक मुख्य सोर्स रहें हैं।
और अभी ऐसा लगने लगा है कि आने वाले लंबे वक़्त तक भारतीय स्टार्टअप्स के लिए चीज़ें आसान नहीं होने जा रहीं हैं। आपको बता दें चीन से निवेश हासिल करने वाले कुछ बड़े भारतीय स्टार्टअप्स में Paytm, Swiggy, Ola जैसे अन्य नाम भी शुमार हैं।
रिपोर्ट के हवाले से Zomato के एक व्यक्ति ने कहा;
“कंपनी ने 2021 में योजनाबद्ध अपने IPO की पेशकश सहित कंपनी के अन्य व्यवसाय विकास की योजना नहीं बदला है।”
वहीं आपको बताए तो FT की रिपोर्ट के जवाब में Zomato ने एक बयान में कहा कि कंपनी अभी भी निवेश हासिल करने को लेकर उम्मीदें बांधे हुए है और फ़िलहाल कंपनी के पास बिना किसी रुकावट के काम करते रहने के लिए पर्याप्त पूँजी है।