संपादक, न्यूज़NORTH
Unified Payment Interface (UPI) के माध्यम से डिजिटल भुगतान, कार्ड और मोबाइल वॉलेट आदि के ज़रिए हुए लेनदेन के आँकड़े इस महीने V-आकार की रिकवरी के साथ नज़र आए। बता दें COVID-19 महामारी के चलते हुए लॉकडाउन से अप्रैल में वॉल्यूम में लगभग 60% गिरावट आई थी।
लेकिन अब ईटी की एक रिपोर्ट के ज़रिए यह सामनें आया है कि NPCI द्वारा संचालित UPI सुविधा के ज़रिए 28 जून तक ₹2.41 लाख करोड़ के 1.23 बिलियन लेनदेन दर्ज किए गये। यह आँकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हवाले से सामने आया है।
आपको बता दें अप्रैल के महीने में UPI के संदर्भ में ₹1.5 लाख करोड़ के 990 मिलियन लेनदेन जो दर्ज किए गये थे, जो 2016 के बाद से UPI लेनदेन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी।
ज़ाहिर है विशेषज्ञों ने कहा कि UPI के माध्यम से लेनदेन में आयी यह बढ़त अब व्यापारों से पुनः शुरू होने, लेकिन भुगतान आदि के लिए लोगों द्वारा कांटैक्ट-लेस समाधानों के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से देखने को मिली है।
इस बीच Google Pay ने भी बिल भुगतान आदि के लिए ग्राहकों की सक्रियता में वृधि दर्ज की है, और शुरुआती लॉकडाउन के बाद के महीनों में कम्पनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन रिचार्ज आदि की संख्या में भी इज़ाफ़ा दर्ज किया है।
यही आलम Walmart के मालिकाना हक़ वाले PhonePe का भी है, और कंपनी की मानें तो लेनदेन की संख्या में फिर से रिकवरी नज़र आने लगी है।
इतना ही नहीं बल्कि कार्ड-आधारित लेनदेन भी COVID-19 के पहले के हालातों जैसे वापस रिकवरी दर्ज कर रहें हैं।Axis Bank, Kotak Mahindra, RBL Bank और SBI Cards की मानें तो कार्ड द्वारा लेनदेन में भी तेज़ी से रिकवरी देखी जा रही है और लेनदेन की मात्रा और मूल्यों दोनों में बढ़त देखी जा रही है। यह आँकड़े COVID-19 के पहले वाले आँकड़ो की तुलना में 70-80% पर लौट लाए हैं।
इसके साथ ही साथ क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान के लिए वसूली भी तेज हो गई है, और डेबिट कार्ड भुगतान मई की अपेक्षा जून में काफ़ी बढ़ गया है।
वहीं स्वाभाविक रूप से आवश्यक व गैर-आवश्यक वस्तुओं के लिए ई-कॉमर्स मनोरंजन और शिक्षा प्लेटफ़ोर्म पर जैसे ख़र्च जैसे कई डिजिटल क्षेत्रों के चलते भी यह बढ़त देखने को मिली।
लेकिन एविएशन, फ्यूल, मूवीज और डाइनिंग जैसे सेगमेंट पर खर्च करने की संख्या कम ही रही, क्योंकि सिनेमा हॉल से लेकर रेस्टोरेंट आदि अधिकतर बंद ही चल रहें हैं।
कुछ जानकारों की मानें तो टियर 2 और टियर 3 शहरों में दवाइयों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मांग ने जून में मामूली रिकवरी की दिशा में योगदान दिया है।