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देश में चौथी तिमाही में सबसे अधिक चेन्नई में दर्ज किए गए ‘साइबर अटैक’

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अभी कुछ ही दिनों पहले सरकार ने देश में साइबर हमलों को लेकर देशभर में चेतावनी जारी की थी। और अब K7 Computing की ‘Cyber Threat Monitor Report’ के अनुसार Q4 2019-20 में देश के भीतर चेन्नई में सबसे अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए।

इतना ही नहीं बल्कि इस रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान भारत के विभिन्न साइबर हमले का विश्लेषण करने पर यह पता चला है कि चेन्नई में सबसे अधिक 42% है, पटना में 38% और बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता में 35% का आँकड़ा दर्ज किए गया।

साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हमले उपयोगकर्ता के विश्वास का फायदा उठाने और लोगों के पैसों में सेंधमारी के लिहाज़ से किए गये थे।

दिलचस्प रूप से सामनें यह आया है कि टियर- I शहरों में इन साइबर अपराधियों से सबसे अधिक SMEs को अपना निशाना बनाया, क्योंकि ऐसी जगहों पर SMEs ही सबसे अधिक प्रभावित होने वालों में से थे, जिन्होंने तेज़ी से वर्क फ़्रोम होम का कल्चर अपनाया और वह इन हमलों को रोकने के लिए बहुत अधिक सुरक्षा उपायों का इंतज़ाम करने में भी सक्षम नहीं थे।

लेकिन एक और ख़ास आँकड़ा यह सामने आया है कि पिछली तिमाही की तुलना में Q4 के दौरान देश में साइबर हमलों की कुल दर में 8% की कमी आयी है।

टियर- I शहरों में चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता में ऐसे सबसे अधिक मामले पाए गए, वहीं टियर -2 शहरों में, पटना ने सबसे अधिक मामले दर्ज किए, जिसके बाद गुवाहाटी, जम्मू और भुवनेश्वर लिस्ट में शामिल रहे।

बताया जा रहा है कि इस तिमाही में साइबर अपराधियों ने पुराने सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम की कमजोरियों का फायदा सबसे अधिक उठाया। Windows XP और Windows 7 को सबसे अधिक खतरा बताया गया, क्योंकि Microsoft ने इन संस्करणों में अपडेट और पैच प्रदान करना बंद कर दिया है।

साथ ही ईटी के ज़रिए समनें आई रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि Curveball, Remote Code Execution, COVID-19 ट्रेंड आदि पर आधारित फ़िशिंग हमलों का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया।

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इस बीच रिपोर्ट जारी करने वाली कंपनी ने यह भी कहा है कि अगली तिमाही में COVID-19 आधारित फ़िशिंग अटैक की संख्या और जटिल ट्रोजन हमलों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि जारी रहेगी।

इसके साथ ही इन खतरों को कम करने में मदद करने के लिए कम्पनी ने लोगों को सलाह दी कि वे अपने सिस्टम को लस्टेस्ट पैच के साथ अपडेट रखें, और साथ ही Pirated सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने से बचें।

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