महीनों की कोशिशों और टेस्टिंग के बाद आख़िरकार WhastApp ने आख़िरकार अपनी पेमेंट सेवा की शुरुआत कर दी है। जी हाँ! कम्पनी ने इसकी शुरुआत ब्राजील से की है, जहाँ अब अपने मैसेजिंग ऐप के माध्यम से लोग पैसे भेजने और प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
आपको बता दें यह बिल्कुल वैसी ही सेवा है जैसे Facebook द्वारा पिछले साल Facebook Pay के नाम से लॉंच की गई थी।
इस लॉंच के बारे में WhatsApp ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि वर्तमान में उपभोक्ताओं द्वारा इस सेवा के इस्तेमाल के लिए उपयोगकर्ताओं से किसी भी प्रकार का प्रोसेसिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। कम्पनी के अनुसार उपयोगकर्ता अब सिर्फ़ छह अंकों के पिन या फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर पैसे का लेनदेन कर सकेंगें।
इसके लिए WhatsApp अकाउंट को अपने वीज़ा या मास्टरकार्ड या क्रेडिट/डेबिट कार्ड से लिंक करना होगा, जिसके लिए अभी WhatsApp ने फ़िलहाल ब्राज़ील में Banco do Brasil, Nubank और Sicredi से शुरुआती स्थानीय भागीदारी की है।
इस बीच अब इस ख़बर के साथ ही एक बार फिर से WhatsApp द्वारा भारत में इस सुविधा के लॉंच को लेकर अटकलें तेज़ हो गई है, और अब देखना यह है कि क्या वाक़ई WhatsApp Pay का भारत में लॉंच नज़दीक आ चुका है?
लेकिन यक़ीन मानिए WhatsApp पर मालिकाना हक़ रखने वाले Facebook के लिए यह इतना भी आसान नहीं होने वाला है। दरसल WhatsApp Payment सुविधा को भारत में लॉन्च करने के लिए कंपनी काफी लम्बें समय से संघर्ष कर रही है। लेकिन जैसा कि हमनें आपको बताया भारत की डेटा स्टोरेज नीति और अपनी मूल कंपनी के साथ डेटा शेयरिंग के नियमों अदि को लेकर WhatsApp Pay को बीते 2 सालों से सरकारी मंजूरी नहीं मिल सकी है।
इतना ही नहीं बल्कि फरवरी में WhatsApp Pay को पायलट प्रोजेक्ट में उपयोगकर्ताओं की संख्या को 1 मिलियन से बढ़ाकर 10 मिलियन करने संबंधी योजना भी अमल में नहीं लायी जा सकी थी।
वहीं भारत में कम्पनी के लिए हालत ऐसी है कि भले WhatsApp को आंशिक रोलआउट के लिए अनुमति देने का ऐलान कर दिया गया हो, लेकिन अभी पूरी तरह से इसको मंजूरी नहीं मिली है। NPCI भी इस दिशा में सुरक्षित रूप से आगे बढ़ रहा है क्योंकि यह मामला अभी भी कोर्ट में है और NPCI कंपनी द्वारा सभी मानदंडों को पूरा करने और कोर्ट के फैसले के बाद ही WhatsApp की इस सुविधा को मंजूरी देने के पक्ष में है।
आपको बताना चाहेंगें कि नवंबर में भारतीय रिज़र्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने NPCI को निर्देश दिया था कि WhatsApp Pay को रोल आउट न होने दिया जाए क्योंकि कंपनी ‘डेटा स्थानीयकरण’ नियमों का पालन नहीं कर रही थी, जो किसी भी बैंकिंग नियामक ने भुगतान फर्म के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है।
बतौर थिंक टैंक काम करने वाले Centre for Accountability and Systemic Change (CASC) ने भी फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में एक अपील की थी, जिसमें इसने WhatsApp Pay के लिए UPI- आधारित भुगतान सेवा के पायलट और इसको 10 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक बढ़ाने पर को रोक लगाने की माँग की थी। कारण यह दिया गया था कि WhatsApp फ़िलहाल RBI के मानदंडों को पूरा नहीं कर रही है।
लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि WhatsApp ने हाल ही में ही NPCI को सभी नियमों के पालन के लिए जल्द ही पूर्णतः तैयार हो जाने का दावा किया था। और अगर कम्पनी ऐसा करने में कामयाब रहती है, तो देश में WhatsApp Pay की शुरुआत का रास्ता साफ़ होता नज़र आ सकता है।