संपादक, न्यूज़NORTH
इस लॉकडाउन में कभी आपको भी लगा होगा ना, कुछ नहीं तो काश! ड्रोन डिलीवरी से ही समान मँगवा लेते? लेकिन अब लगता है कि आपका ये काश शायद जल्द ही हक़ीक़त बन जाए।
जी हाँ! दरसल ईकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अब यह सामने आया है कि डिलीवरी स्टार्टअप Dunzo, Swiggy और Zomato, बजट एयरलाइन SpiceJet और Reliance समर्थित स्टार्टप Asteria Aerospace सहित कुल 13 कम्पनियों को बियोंड विज़ुअल लाइन ऑफ़ विज़न (BVLOS) ड्रोन्स की उड़ानों का परीक्षण करने की मंजूरी मिल गयी है।
जी हाँ! रिपोर्ट के अनुसार देश के नागरिक उड्डयन नियामक ने अब इस क्षेत्र के लिए एक नीति तैयार करने से पहले लंबी दूरी के ड्रोन उड़ानों को लेकर टेस्टिंग सम्बंधी अनुमति दी है। बता दें टेस्टिंग सम्बंधी इस योजना की घोषणा नियामक संस्था ने क़रीब एक साल पहले ही कर दी थी।
दिलचस्प यह है कि उम्मीद के मुताबिक़ मानव रहित इन ड्रोनों की अब समान ले जाने और भूमि परीक्षण जैसे अन्य कामों को लेकर टेस्टिंग जुलाई के पहले सप्ताह से ही शुरू हो सकती है।
ज़ाहिर है कि इस क़दम के साथ अब भारत भी चीन और अमेरिका के समान स्थानीय ड्रोन-आधारित सेवाओं की क्षमताओं को विकसित करने और इन पर ज़ोर देने का काम करता नज़र आएगा।
लेकिन ख़ास बात यह भी है कि जहाँ इस महामारी ने ड्रोन डिलीवरी की ज़रूरतों को उभरा वहीं दूसरी ओर ख़बरों के मुताबिक़ इसी महामारी के चलते DGCA को 13 में से 11 चुनी गयी कम्पनियों को मई के अंत तक इस मंज़ूरी को देने में देरी हुई।
आपको बता दें इन प्राइवेट कम्पनियों को 30 सितंबर तक इंडियन एयरपोर्ट अथोरिटी द्वारा बनाए गये हवाई क्षेत्र में कम से कम 100 घंटे की उड़ान भर कर दिखानी होगी।
आपको बता दें इन सभी उड़ानों का डेटा फिर DGCA को प्रस्तुत किया जाएगा, जो इन सभी उड़ानों के डेटा का आँकलन करते हुए BVLOS ड्रोन के लिए एक नीति तैयार करेगा। ख़बरों की मानें तो सरकारी अधिकारियों के अनुसार इस साल अगस्त तक ही इस नीति को प्रस्तुत करने की मंशा बनाई गयी थी, लेकिन COVID-19 महामारी के चलते इसमें देरी हो गई है।
असल में भारत इन टेस्टिंग के ज़रिए नीतियाँ तैयार करते हुए वैश्विक स्तर पर ड्रोन सेवा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने की भी क्षमता रखता है। और इस लिहाज़ से यह क़दम और भी अहम बन जाता है।
आपको बताना चाहेंगें कि फ़िलहाल के लिए 13 टेस्टिंग ऑपरेशन को बड़े पैमाने पर निगरानी और डिलीवरी करने वाले ड्रोन में बाँटा गया है। Dunzo, Swiggy, Zomato स्वाभाविक रूप से अपने ग्राहकों को डोर स्टेप डिलीवरी के लिए ड्रोन उड़ानों का इस्तेमाल करते नज़र आ सकतें है।
वहीं Nandan Nilekani समर्थित ShopX का टेस्ट B2B लॉजिस्टिक्स के लिए ड्रोन का उपयोग करने पर केंद्रित होगा। साथ ही Throttle Aerospace अपनी चिकित्सा आपूर्ति को दूरदराज के क्षेत्रों में पहुँचाने के लिए ड्रोन की टेस्टिंग करता नज़र आएगा। लेकिन इतना साफ़ है कि अभी भी भारत को इस दिशा में एक लंबा रास्ता तय करना है।
लेकिन उम्मीदें इसलिए बरक़रार हैं, क्योंकि मालिकों और ऑपरेटरों के लिए अपने ड्रोन के रेजिस्ट्रेशन के लिए शुरू की गयी सुविधा ने इस साल की शुरुआत में ही 20,000 से अधिक आवेदन दर्ज किए। हालाँकि अभी भी यह अमेरिका के 400,000 कमर्शियल ड्रोन और 1.2 मिलियन से अधिक मनोरंजक ड्रोन की संख्या से बहुत दूर ही है।