सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) भारत के सॉफ्टवेयर उत्पादों के एकोसिस्टम की जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्धारित 5,000 करोड़ रुपये के फंड-ऑफ-फंड पर काम तेज कर दिया है। दरसल सरकार अब तेज़ी से अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के प्रयास कर रहीं है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट डेवलपमेंट फंड (SPDF) के विस्तृत प्रस्ताव के साथ अगले हफ्ते MeitY भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से संपर्क कर सकता है।
आपको बता दें कि SPDF को पहली बार सॉफ्टवेयर उत्पादों को लेकर राष्ट्रीय नीति के तहत घोषित किया गया था, जिसे पिछले साल फरवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। दरसल COVID -19 महामारी से चलते बने लॉकडाउन के हालातों में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, यानि भारत काफ़ी व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है।
लेकिन अब सरकारों ने सख्त दिशा-निर्देशों के साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं और इसलिए अब इस मंत्रालय के अधिकारी भी इस अहम फंड को जल्द से जल्द अमल में लाना चाहतें हैं।
रिपोर्ट में मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मंत्रालय देश की सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनियों जैसे TCS, Infosys और Wipro को भी इस फंड में बड़े फ़ैमिली ऑफ़िसों के साथ ही साथ सीमित भागीदार या निवेशक के रूप में शामिल करना चाहता है।
वहीं सूत्रों की मानें तो MeitY इस फंड को मैनेज करने के लिए SBI Funds Management जैसी थर्ड पार्टी सेवाओं का इस्तेमाल भी कर सकता है। आपको बता दें SBI Funds Management फ़िलहाल SBI Mutual Funds जैसे फंड को मैनेज करता है, और संभावित रूप से इसे ही फंड मैनेजर के तौर पर शामिल किया जा सकता है।
वहीं यह भी सामनें आया है कि MeitY की योजना इस 5,000 करोड़ रुपये के फंड को फ़िलहाल 50 छोटे फ़ंड्स में बाँटने की है। यह सभी फंड सॉफ्टवेयर उत्पादों के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स को समर्थन देते नज़र आएँगें।
दरसल यह सभी प्रयास इसलिए भी किए जा रहें हैं क्योंकि सरकार और उद्योग के अनुमानों के अनुसार SPDF फंड में भारत के सॉफ्टवेयर उत्पादों के क्षेत्र को 1,25,000 करोड़ रुपये तक का लाभ प्रदान करने की क्षमता है।