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TSMC ने किया अमेरिका के एरिज़ोना में $12Bn के नए एडवांस Semiconductor प्लांट बनाने का ऐलान

दुनिया भर का बाजार इस समय कई नयी चीज़ों का गवाह बन रहा है, और ऐसे में अमेरिकी बाजार में भी काफी हलचल दिखाई दे रही है। हाल ही में सामनें आई एक रिपोर्ट में अमेरिका में Intel और TSMC द्वारा चिप निर्माण कारखानों को लगाने संबंधी अटकलें सामनें आयीं थी।

पर अब दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट Semiconductor फाउंड्री, TSMC ने एक अधिकारिक घोषणा के तहत अमेरिका के एरिज़ोना में नयी $12 बिलियन की निर्माण योजना का ऐलान किया है, जिसके लिए अमेरिकी संघीय सरकार और एरिज़ोना राज्य द्वारा भी समर्थन के लिए “प्रतिबद्धता” की बात सामनें आई है।

2024 तक चालू होने की उम्मीद के साथ इस नए प्लांट में सेमीकंडक्टर वेफर फैब्रिकेशन के लिए TSMC की सबसे एडवांस 5-नैनोमीटर तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके चलते इस प्लांट में हर महीनें 20,000 सेमीकंडक्टर वेफर तक तैयार किये जा सकेंगें। साथ ही साथ इससे 1,600 से अधिक हाई-टेक पेशेवर नौकरियों के अवसर के साथ ही साथ और हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर भी पैदा हो सकेंगें।

इस बीच ख़बरों के मुताबिक इस प्लांट का काम 2021 से शुरू होकर 2024 तक इसमें उत्पादन शुरू कर देने का लक्ष्य बनाया गया है। इस परियोजना पर TSMC द्वारा 2021 से 2029 तक लगभग $12 बिलियन खर्च किये जायेंगें।

इस संदर्भ में आज सुबह ही जारी किये गये एक बयान में TSMC ने कहा,

“यह नया अमेरिकी प्लांट न केवल हमें अपने ग्राहकों और भागीदारों को और बेहतर समर्थन प्रदान करने में सक्षम बनाएगा, बल्कि इससे हमें वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के और भी अधिक अवसर मिल सकेंगें।”

“यह योजना असल में एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी अमेरिकी सेमीकंडक्टर बाजार में एक अहम रणनीतिक महत्व रखती है, जिससे अमेरिका में अग्रणी कंपनियों को अपने अत्याधुनिक सेमीकंडक्टरों को घरेलु रूप से ही उत्पादन करने की सुविधा मिल सकेगी।”

जाहिर है कि अब अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों को न सिर्फ घरेलू चिप डिजाइन करने में मदद मिलेगी, बल्कि वह स्थानीय रूप से उसका उत्पादन भी कर सकेंगें। आपको बता दें अमेरिका में चिप निर्माण प्लांट को लाने के लिए अमेरिका लंबे समय से TSMC से बात कर रहा था।

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लेकिन TSMC के लिए इस दिशा में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक ताइवान की तुलना में अमेरिका में बड़े पैमाने पर निर्माण और संचालन की उच्च लागत थी। लेकिन अब अमेरिकी संघीय सरकार से समर्थन की “प्रतिबद्धता” के साथ ऐसा लगता है कि कंपनी को इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए काफी बल मिला है।

आपको बता दें ऐसा अनुमान भी है कि यह चिप फैक्ट्री दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, अमेरिका और चीन के बीच के व्यापार युद्ध को और तीखा बना सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही देश कि निर्माण जरूरतों के लिए चीन पर अमेरिकी कंपनियों की निर्भरता को लेकर अपना असंतोष सार्वजनिक कर चुकें हैं। और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार तो उत्पादन में सबसे बड़े आउटसोर्स उद्योगों में से एक माना जाता रहा है।

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