संपादक, न्यूज़NORTH
मौजूदा महामारी के समय दुनिया भर की अधिकांश सरकारें और संस्थाएं कोरोनो वायरस के प्रसार और फैलनें के पैटर्न आदि के लिए ट्रैकिंग ऐपों को लॉन्च कर चुकी हैं या फिर उनपर तेजी से काम कर रही हैं।
और इसी दिशा में भारत सरकार ने भी करीब एक महीनें पहले Aarogya Setu नामक ऐप को लॉन्च किया था और अब यह देखा गया है कि हाल ही प्राइवेसी विवादों में भी घिरी रही इस ऐप ने महज़ 41 दिनों में ही 100 मिलियन (10 करोड़) का आँकड़ा पार कर लिया है।
इस बात की जानकारी TechCrunch की एक रिपोर्ट में NITI Aayog के हवालें से प्राप्त हो सकी है, जिनके अनुसार यह 100 मिलियन का आंकड़ा यूनिक यूजर्स को दर्शाता है, न कि केवल उन लोगों के लिए जिन्होंने सिर्फ ऐप डाउनलोड कर रखी हैं।
आपको बता दें सरकार ने इस ऐप को Android और iOS दोनों पर लॉन्च किया था। असल में यह ऐप लोगों को ट्रैकिंग के साथ ही साथ सेल्फ-इवैल्यूएशन की भी सुविधा देती है। उपयोगकर्ता कुछ सवालों के जवाब देकर यह जान सकतें हैं कि क्या वह इस संक्रमण से ग्रस्त हैं या नहीं?
दरसल मुख्यतः इस ऐप का मकसद उपयोगकर्ताओं को इस बार को लेकर सचेत करने का है कि कहीं वह ऐसे व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आयें जो संक्रमण से प्रभावित है। खास बात यह है कि इस ऐप को USSD के जरिये फीचर फोनों पर भी उपलब्ध करवाया गया है
बता दें आरोग्य सेतु जिसका साफ़ सा मलतब होता है ‘हेल्थकेयर ब्रिज’ फ़िलहाल भारत सरकार की ओर से किये गये कोरोना वायरस से बचाव उपायों में एक बड़ा कदम है, साथ ही इस ऐप में समय समय पर इस वायरस से लड़ने के प्रयासों और सुरक्षित रहने के तरीकों संबंधी भी जानकारी व अपडेट दी जाती रहतीं हैं।
लेकिन हाल ही में ही कुछ सिक्यूरिटी रिसर्चर्स ने इस ऐप की प्राइवेसी संबंधी खामियों को उजागर करने का भी दावा किया था। उनके अनुसार जब उपयोगकर्ता साइन अप करते हैं और बीमारी के लक्षणों से ग्रसित लोगों के विवरणों को लॉग करते हैं, तो ऐप उपयोगकर्ताओं के डेटा को संग्रहीत कर लेता है।
लेकिन इस बीच आपको यह बताना भी जरूरी है कि अधिकारिक रूप से Aarogya Setu ऐप ‘ओपन सोर्स’ नहीं है, और इसका साफ़ सा मलतब यह है कि कोई भी स्वतंत्र रिसर्चर इस ऐप के कोड को ऑडिट करके इसमें खामियां नहीं पहचान सकता है।
इसके साथ ही शुरू में एक स्वैच्छिक ऐप के रूप में लॉन्च की गयी Aarogya Setu ऐप को अब भारत सरकार भारतीय रेलवे के साथ यात्रा करने वाले लोगों, सरकारी अधिकारियों आदि के लिए भी अनिवार्य बना चुकी है।
दरसल रिपोर्ट के मुताबिक करीब महीना भर पहले स्थानीय अधिकारीयों ने कहा था कि नोएडा में जिन लोगों के फ़ोन में यह Aarogya Setu ऐप नहीं होगा, उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।
इस बीच आपको बता दें करीब करीब 2 महीनें से चल रहे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद हाल में संक्रमण के मामलें भारत में तेजी से बढ़ने लगें हैं। देश में अब तक करीब 71,600 से अधिक मामलें सामने आ चुकें हैं और करीब 2,320 मौतों की पुष्टि हो चुकी है।
वहीँ देश की अर्थव्यवस्था की ख़राब दशा को देखते हुए कल यानि 12 मई को रात 8 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने $266 बिलियन के पैकेज की घोषणा करके देश को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।