Now Reading
देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने तैयार की पहली स्वदेशी COVID-19 एंटीबॉडी टेस्टिंग किट

देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने तैयार की पहली स्वदेशी COVID-19 एंटीबॉडी टेस्टिंग किट

भारत में वक़्त रहते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण देश में कोरोना वायरस के प्रभाव को काफ़ी हद तक नियंत्रण में रखने में मदद मिली है। लेकिन इसके बाद भी इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि देश में तेजी से टेस्टिंग प्रक्रिया को बढ़ाने की जरूरत है और फ़िलहाल इन टेस्टिंग किटों को लेकर चीन पर अपनी निर्भरता के कारण देश में आंशिक रूप से सीमित तौर पर ही टेस्टिंग हो पा रही है।

दरसल आँकडों के मुताबिक भारत अब एक दिन में लगभग 100K सैंपल की टेस्टिंग कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार देश की आबादी को देखते हुए, इतना भी काफ़ी नहीं है और हमें इस आंकड़ों को और बढ़ाने की आवश्यकता है।

लेकिन इस बीच हम सबके लिए एक अच्छी खबर है, दरसल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं ने COVID-19 के लिए पहली स्वदेशी एंटीबॉडी डिटेक्शन किट बनाने में सफलता दर्ज की है। और अब इस नई तैयार किट से टेस्टिंग के और आसान होने की उम्मीदें भी जताई जा रहीं हैं, जिससे COVID-19 के खिलाफ देश की पहल को और अतिरिक्त बल मिल सकेगा।

आपको बता दें इस बात की घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट के जरिये की और कि कैसे ELISA टेस्टिंग किट काम करेगी और भारत की टेस्टिंग क्षमताओं पर भी प्रभाव डालेगी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा;

“नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे ने #COVID19 के एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एक स्वदेशी एंटी-SARS-CoV-2  मानव IgG ELISA टेस्टिंग किट तैयार की है।”

“यह किट देश में #SARSCoV2 संक्रमण के चलते संपर्क में आने वाली जनसंख्या के अनुपात की निगरानी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”

साथ ही डॉ. हर्षवर्धन ने ELISA किट की क्षमताओं को समझाते हुए उस दावे को पेश किया जिसमें इस नयी किट के जरिये एक ही बार में 2.5 घंटों के अंदर एक साथ 90 सैंपल की टेस्टिंग की बात कही जा रही है। साथ ही उन्होनें कहा कि इससे डॉक्टरों आदि को संबंधित मरीजों का इलाज़ तुरंत शुरू करने में मदद मिलेगी।

इस बीच बताया यह भी जा रहा है कि किट को अनुसंधान के एक महीने के भीतर विकसित किया गया था। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने और जानकारी देते हुए आगे बताया कि;

See Also
change-in-vehicle-scrapping-policy-to-be-measured-by-pollution

“किट को मुंबई में दो साइटों पर चेक कर मान्यता दी गयी है, जहाँ यह संवेदनशीलता और सटीकता पर खरी उतरी।”

साथ ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ELISA आधारित टेस्टिंग के उपयोग से जिला स्तरीय निगरानी में भी मदद मिलेगी। साथ ही यह भी बताया गया कि Zydus और Cadila को इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन की जिम्मेदारी दे दी गयी है। और देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने Zydus को इसके कमर्शियल प्रोडक्शन और मार्केटिंग की भी अनुमति दे दी है।

आपको फिर से याद दिला दें कि अब तक भारत सिर्फ चीन से टेस्टिंग किटों के लिए मुख्यतः निर्भर था, जिसके चलते बड़े पैमाने पर टेस्टिंग कर पाना काफी मुश्किल हो रहा था।

यहाँ तक की हाल ही में भारत ने टेस्टिंग किटों में खामी सामने आने पर चीन को दिए करीब आधे मिलियन टेस्टिंग किट के आर्डर को कैंसिल कर दिया था।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.