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Apple बन सकता है भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का एक बड़ा खिलाड़ी: रिपोर्ट

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देश में चल रहे लॉकडाउन के बीच शायद मैन्युफैक्चरिंग जगत के लिए एक अच्छी खबर सामने आ सकती है।

दरसल! इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में Apple के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और टॉप रैंकिंग सरकारी अधिकारियों के बीच हुई कई बैठकों के बाद शायद जल्द ही यह iPhone निर्माता कंपनी चीन से अपने कुल उत्पादन का लगभग पाँचवा भाग फ़िलहाल भारत में शिफ्ट कर सकती है।

दिलचस्प खबर यह है कि इस उत्पादन क्षमता के लिए Apple देश में स्थानीय निर्माण हेतु अगले पांच वर्षों में लगभग $40 बिलियन के कॉन्ट्रैक्ट आदि पर भी सहमत हो सकती है।

आपको बता दें, जानकारों के अनुसार अगर ऐसा होता है तो यह iPhone निर्माता कंपनी भारत के सबसे बड़े स्मार्टफोन निर्यातकों में से एक बन जायेगी। इस बीच जाहिर तौर पर भारत में Foxconn और Wistron जैसी कंपनियों को इस $40 बिलियन के संभावित निवेश का सीधा फायदा मिलनें की भी उम्मीद है।

लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि ईटी की इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भले हाल ही में ही Apple ने देश के अन्दर हैंडसेट निर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी भी कुछ सरकारी दांवपेंच में मामला फँसा हुआ है।

वर्तमान तक Apple भारत में करीब $1.5 बिलियन के फोन बेंच चूका है, जिसमें देश में ही निर्मित iPhones का महज़ $0.5 बिलियन का ही योगदान रहा।

वहीँ देखा जाए तो फ़िलहाल Apple चीन के लिए एक टॉप निवेशकों में से एक है। उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक 2018-19 में Apple ने चीन में $220 बिलियन का माल तैयार करवाया था, जिसमें से $185 बिलियन का माल निर्यात किया गया था। आपको बता दें Apple चीन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 4.8 मिलियन लोगों को रोजगार देता है।

वहीँ मार्केट रिसर्च फर्म IDC के अनुसार, 2018-19 में Apple के पास वैश्विक हैंडसेट निर्यात की 38% बाजार हिस्सेदारी की, और इसके बाद इस लिस्ट में Samsung 22% की हिस्सेदारी के साथ काबिज था।

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लेकिन अब सूत्रों के अनुसार मौजूदा हालातों के बीच Apple भारत का रुख तेजी से करना चाहता है और देश को अपने निर्यात के नजरिये से इस्तेमाल करने की संभावनाएं तलाश रहा है।

इस बीच आपको बता दें सरकार के अधिकारियों का कहना है कि वे कंपनी को इस संबंध में हर मदद की पेशकश करने को तैयार हैं, क्योंकि भारत सरकार भी फ़िलहाल देश को मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर विकसित करना चाहती है।

आपको याद दिला दें नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 28 दिसंबर को Apple, Samsung सहित कई बड़ी स्थानीय कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी और देश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली PLI योजना पेश की थी।

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