भले यह बात इतनी प्रमुखता से अभी नहीं कही जा सकती, लेकिन इतना तो है कि देश ने कोरोना वायरस के साथ जीते हुए अर्थव्यवस्था को वापस से पटरी में लानें के छोटे छोटे प्रयास शुरू कर दिए हैं।
और अब इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार ने Xiaomi, Vivo, Samsung, Oppo और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों को भारत के कुछ राज्य सरकारों से आंशिक रूप से वापस से उपकरणों के असेंबलिंग की मंजूरी दे दी है। आपको बता दें मार्च के अंत से ही इन कंपनियों ने अपना मैन्युफैक्चरिंग संबंधी संचालन बंद कर दिया था।
इस बीच इन कंपनियों की ओर से खुद इस बात की जानकारी देते हुए बताया गया कि इन कंपनियों ने को देश में अपने मैन्युफैक्चरिंग के काम को वापस से शुरू करने की इजाजत मिल गयी है। हालाँकि अभी भी यह इजाजत कुछ प्रतिबंधों के साथ सीमित रूप से ही दी गयी है।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में स्मार्टफोन के उत्पादन को फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी, लेकिन इस संबंध में अपने अपने राज्यों में इसको अंतिम रूप देने और छूट आदि के संबंध में फैसले लेने के अधिकार को राज्य सरकारों के लिए पर्याप्त रूप से सुरक्षित रखा गया है।
सरकार ने यह फैसला इस महीने के शुरू में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को दो हफ़्तों के लिए और बढ़ाने के ऐलान के बाद किया है।
वहीँ TechCrunch की एक रिपोर्ट के हवाले से इस बीच कल ही देश में अपना फ्लैगशिप फ़ोन Mi 10 लॉन्च करने वाली Xiaomi की ओर से कहा गया कि कंपनी के पास इस महीने की शुरुआत में केवल तीन हफ़्तों की मांग को पूरा करने के लिए ही इन्वेंट्री शेष थी।
हालाँकि अब यह खबर है की Xiaomi अपने पार्टनर Foxconn के साथ आंध्र प्रदेश राज्य में परिचालन शुरू करेगी। वहीँ रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि Apple के मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर Wistron ने भी बैंगलोर में iPhones का सीमित निर्माण शुरू कर दिया है।
वहीँ हाल ही में सामने आई के रिपोर्ट के मुताबिक भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी Vivo ने कहा है कि वह देश में अपनी क्षमता का 30% उत्पादन फिर से शुरू करेगी।
रिपोर्ट के अनुसार Counterpoint का दावा है कि भारत ने पिछले महीने किसी भी हैंडसेट की बिक्री दर्ज नहीं की है और इस साल भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट में भी 10% की गिरावट हो सकती है। बल्कि 2019 में इस आंकडें में 8.9% की वृद्धि और 2018 में 10% की वृद्धि दर्ज की गयी थी।
दरसल भारत में प्रत्येक टॉप स्मार्टफोन कंपनियों ने या तो देश में खुद के ही निर्माण संयंत्र खोल लिए है या फिर उन्होनें Foxconn, Wistron आदि जैसे कंपनियों के साथ क़रार कर लिया है। आपको बता दें इन कंपनियों को देश में ही स्मार्टफोन निर्माण के चलते टैक्स में भी केंद्र सरकार द्वारा कुछ छूट प्रदान की जाती है।