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भारत में ‘क्रेडिट/लोन सेवाओं’ की पेशकश संबंधी कोशिशें कर रहा है WhatsApp; कर सकता है बैंकों से भागीदारी

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शायद आपने भी बीते कुछ समय से यह गौर किया होगा कि हर बड़ी तकनीकी कंपनी इन दिनों वित्तीय सेवाओं की पेशकश के साथ भारतीय बाज़ार में उतरने के हर संभव प्रयास कर रही है। और अब एक बार फिर से हमारे सामने इसका एक ताज़ा उदाहरण सामने आया है।

पर इस बार दिलचस्प यह है कि ऐसी ख़बरों में सामने आई कंपनी भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सबसे लोकप्रिय प्लेटफार्म में से एक है। जी हाँ! हम बात कर रहें हैं WhatsApp कि जिसनें भारत में अपने Whatsapp Pay सुविधा को जल्द लॉन्च करने की अटकलें तेज कर दी हैं। लेकिन कंपनी यहीं नहीं रुकना चाहती। दरसल WhatsApp अब जल्द ही देश में क्रेडिट/लोन के पेशकश की सुविधा भी लॉन्च कर सकता है।

असल में यह खबर कंपनी द्वारा दायर नियामक फाइलिंग के जरिये सामने आ सकी है। इसमें Facebook के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp की भारतीय सहायक कंपनी ने संशोधित MoA (Memorandum of Association) दस्तावेज़ में सेवाओं एक के रूप में “क्रेडिट/लोन” का जिक्र भी किया है।

आसान शब्दों में बताएं तो इस संशोधित दस्तावेज़ में कंपनी के व्यावसायिक उद्देश्यों में “ग्राहकों और अन्य को गारंटी/बिना गारंटी के एडवांस में या क्रेडिट/लोन में पैसे देने” को भी एक कंपनी उद्देश्य के रूप में शामिल किया गया हैं।

असल में कंपनी के व्यावसायिक उद्देश्यों में तुरंत ही किया गया यह बदलाव काफ़ी दिलचस्प है। आपको बता दें WhatsApp के साथ आंतरिक चर्चा के मुताबिक कंपनी ने हाल ही में भारत के नए व सख्त डेटा नियमों का पालन करने के लिए सहमति व्यक्त की थी, जिससे WhatsApp Pay सुविधा का भारत में लॉन्च होने का रास्ता साफ लगने लगा है।

आपको बता दें फ़िलहाल WhatsApp की यह पीयर-टू-पीयर भुगतान सेवा अभी भी पायलट स्तर पर ही है और वर्तमान समय में देश में करीब 1 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक ही इसकी पहुँच है।

लेकिन इतना जरुर है कि अभी पूरी तरह से देश में इसके अधिकारिक लॉन्च को लेकर थोड़ा और वक़्त लग सकता है। वहीँ इकॉनोमिक टाइम्स से बात करने वाले सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते हुए Reliance Jio और Facebook के बीच सौदे के ऐलान के बाद अब तक फ़िलहाल WhatsApp ने भारतीय नियामकों से किसी तरह का संपर्क नहीं किया है।

लेकिन के बात जो खास है वह यह कि इसी रिपोर्ट में मामलें के जानकार एक सूत्र के मुताबिक;

“Facebook-Jio के बीच हुए सौदे के बाद चीजों में तेजी आती दिखाई दे सकती है, लेकिन WhatsApp अभी भी 100% रूप से भारत के नए डेटा-स्थानीयकरण नियमों का पालन करता नज़र नहीं आ रहा है।”

पर स्वाभाविक रूप से कंपनी इस लोन आदि की सेवाओं को सीधे पेश नहीं कर सकती है। इसलिए यह संभव है कि WhatsApp मौजूदा बैंकों से ही साझेदारी कर इस सेवा की शुरुआत करे।

भारत में लोन व क्रेडिट का बाज़ार बीते कुछ समय से काफी तेजी से बढ़ता नज़र आ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत में कंपनियों के लिए पेमेंट बिज़नेस मॉडल से पैसे कमा सकना काफी मुश्किल है।

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आपको बता दें सरकार की UPI संरचना पर चल रही अनेकों भुगतान सेवाओं में उपयोगकर्ताओं को पीयर-टू-पीयर भुगतान के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता। शुल्क सिर्फ व्यापारी स्तर के लेनदेन पर ही लगाए जा सकते हैं। ऐसे में कंपनियां कहती हैं कि मासिक रूप से होने वाले कई बिलियन के लेनदेनों में व्यापार स्तर पर होने वाले लेनदेनों की संख्या काफी कम है, और इसलिए इस सेवा के जरिये संचालन के लिए पर्याप्त राजस्व कमा पाने की गुंजाइश भी कम हो जाती है।

इसलिए Paytm जैसी तमाम कंपनियां अब अन्य वित्तीय सेवाओं का रुख करने लगीं हैं, जिसमें लोन/क्रेडिट सुविधा सबसे अहम है। बता दें Paytm ने हाल ही में व्यापारी सेवाओं की पेशकश भी की, जिसमें ‘ऑल इन वन’ QR कोड दिया गया है। जिसके जरिये उपयोगकर्ता अब किसी भी Rupay या UPI सक्षम एप्लिकेशन के जरिये Paytm QR कोड स्कैन कर व्यापारियों को भुगतान कर सकतें हैं। और इन सभी लेनदेन में Paytm की तरह से 0% प्रोसेसिंग शुल्क लगेगा।

साथ ही Paytm ने इस All-in-One Paytm QR को अन्य उपयोगी वस्तुओं जैसे कैलकुलेटर, पावर बैंक, घड़ी, पेन स्टैंड और रेडियो आदि जैसों में भी लॉन्च किया है, जिन्हें व्यापारी दैनिक रूप से अपनी दुकान में उपयोग भी कर सकतें हैं।

लेकिन आगामी WhatsApp Pay टक्कर देनें के लिए बाज़ार में पहले से ही Flipkart समर्थित PhonePe और Google की Google Pay जैसी सेवाएं मौजूद हैं। और यह सभी कंपनियों ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नई सुविधाओं के साथ ही नज़र आ रही हैं। जैसे PhonePe ने उपयोगकर्ताओं को UPI के माध्यम से भुगतान कर नकद प्राप्त कर सकने की सुविधा के लिए ऑन-पॉइंट बैंकिंग सेंटर भी बनाएं हैं, जो मुख्यतः PhonePe का इस्तेमाल करने वाले व्यापारी ही हैं। खास यह है कि फ़िलहाल PhonePe इस सुविधा के लिए किसी भी तरह का शुल्क भी नहीं ले रहा है।

आपको बता दें Credit Suisse के अनुसार के मुताबिक भारत का डिजिटल पेमेंट बाज़ार विश्व स्तर पर सबसे तेज़ी से बढ़तें बाज़ारों में से एक है, जो जल्द ही लेनदेन की कुल रकम के लिहाज़ से $1 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है।

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