काफी दिनों से सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर लगातार बैन होते जा रहे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म Zoom ने अपना एक नया अपडेटेड और सुरक्षित वर्जन पेश करने का दावा किया है।
जी हाँ! अब ‘Zoom 5.0’ नामक नया संस्करण असल में कंपनी की महत्वाकांक्षी 90-दिवसीय सुरक्षा रिज़ॉल्यूशन योजना की ही दें है, जिसके प्रति सार्वजनिक रूप पहली बार एक बड़ी सुरक्षा खामी सामने आने पर कंपनी ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
वहीँ इस बीच कंपनी का यह भी दावा है कि मीडिया और सोशल मीडिया में लगातार चल रही ख़बरों के बावजूद Zoom का प्लेटफार्म इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार बढ़त हो रही है और अब प्लेटफार्म पर दैनिक सक्रीय उपयोगकर्ता आँकड़ा भी 300 मिलियन पार कर चुका है।
जाहिर है इस नए संस्करण में कंपनी में सबसे ज्यादा ध्यान उपयोगकर्ता सुरक्षा मुद्दे को लेकर ही दिया है और इसलिए Zoom के सीईओ Eric S. Yuan ने साफ़ कहा है कि इस नए संस्करण में किसी भी तरह की कोई नयी सुविधा को शामिल नहीं किया गया है।
आपको बता दें इस नए वर्जन में Zoom ने AES 256-bit GCM Encryption मानक को अपनाया है। साथी ही कुछ ही हफ़्तों में पेश किया गया Zoom 5.0 अब GCM एन्क्रिप्शन का भी समर्थन करता है। और एक बार सभी अकाउंट के GCM के लैस होने के बाद यह सुविधा प्रभावी कर दी जायेगी। जिसके 30 मई तक होने की उम्मीद की जा रही है।
ऐसे में जब कंपनी ने एन्क्रिप्शन को मजबूत बनाने की कोशिश की है, तो अब प्लेटफार्म पर एडमिट को मीटिंग की पेशकश के दौरान डेटा सेंटर क्षेत्रों को चुनने की क्षमता भी दे दी गयी है। दरसल अब अकाउंट एडमिन यह चुन सकता है कि कौन से डेटा केंद्र आपकी अकाउंट मीटिंग को होस्ट करेगा और वेबिनार अकाउंट, ग्रुप या उपयोगकर्ता स्तर पर रियल टाइम ट्रैफ़िक के लिए उपयोग करेगा।
यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्यूंकि अब तक Zoom की मुख्य आलोचना इसलिए होती रही थी क्योंकि वह चीन के सर्वरों के माध्यम से होते हुए कॉलिंग सुविधा प्रदान करता था।
इतना ही नहीं बल्कि उपयोगकर्ता अब प्लेटफ़ॉर्म की सभी सुरक्षा सुविधाओं को एक नए सेक्शन के माध्यम से एक्सेस कर पाएंगे। इसको होस्ट के इंटरफ़ेस पर मीटिंग मेनू बार में Security आइकन पर क्लिक करके पाया जा सकेगा।
इसके साथ ही मीटिंग के लिए उपयोगकर्ता पासवर्ड को और भी जटिल बनाने का काम किया गया है, जिसमें Basic, Single-License Pro और K-12 ग्राहकों को डिफ़ॉल्ट रूप से शामिल किया गया है।
इसके साथ ही तमाम विवादों के बाद एडमिन कंट्रोल के तहत दी गयी वेटिंग रूम अब डिफ़ॉल्ट रूप से काम करेगी। साथ ही एडमिन अब उपयोगकर्ताओं को Security आइकन के माध्यम से रिपोर्ट करने में भी सक्षम होंगें।
वहीँ सुरक्षा को और भी बढ़ाते हुए उपयोगकर्ताओं को उनकी Zoom Chat नोतिफिकेशनों को उनके चैट से Snippet रूप में नहीं दिखाया जाएगा। सभी नई गैर-PMI मीटिंग में अब जटिलता को बढ़ाते हुए 11 अंकों की आईडी जोड़ी गयी है, साथ में मीटिंग के दौरान, मीटिंग आईडी और आमंत्रित करने का विकल्प मेन Zoom इंटरफ़ेस से हटा कर प्रतिभागियों के मेनू में स्थानांतरित कर दिया गया है।
दरसल तमाम सरकारी संस्थानों सहित कई अन्य जगहों से बैन लगने के बाद Zoom को हाल ही में भारत सरकार के साइबरसिक्यूरिटी विभाग की ओर से भी एक एडवाइजरी जारी की गयी थी, जिसमें इस प्लेटफार्म को ‘असुरक्षित’ करार दिया गया था।
आपको बता दें इससे पहले, सिंगापुर और अमेरिकी सरकारों ने भी Zoom के खिलाफ आंशिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था।