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Facebook-Jio की नई डील को मंजूरी हेतु CCI कर सकता है जाँच; डेटा शेयरिंग होगा अहम मुद्दा: रिपोर्ट

कई एक बड़ी खबर दिनभर सुर्ख़ियों में रही और वह थी Facebook द्वारा भारतीय टेलीकॉम कंपनी Jio में खरीदी गयी 9.9% की हिस्सेदारी। लगभग 43,574 करोड़ रूपये (~ $5.7 बिलियन) का यह वैश्विक पटल पर अपनी तरह का पहला सौदा रहा। लेकिन कहतें हैं न, हर बड़ी कहानी इतनी आसानी से नहीं लिखी जा सकती।

जी हाँ! कुछ ऐसा ही अब Facebook-Jio की इस नयी ऐतिहासिक डील के लिए भी कहा जा सकता है। दरसल इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में Facebook के शीर्ष अधिकारियों और उद्योग से जुड़ें कुछ जानकारों के हवाले से बताया गया कि इस $5.7 बिलियन की डील पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) अपनी नजरें बनाये हुए है।

दरसल CCI की चिंता का मुख्य विषय है, इन कंपनियों के पास मौजूद डेटा, जो इन कंपनियों के साथ आने पर और भी अधिक व्यापक रूप ले लेता है।

दरल भारतीयों के निजी डेटा को नियंत्रित करने के पैमाने पर देखा जाए तो Reliance के Jio और Facebook के WhatsApp आदि के साथ आने पर यह डेटा और भी विशाल और महत्वपूर्ण बन जाता है। और यह बात इन कंपनियों को संयुक्त रूप से प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अनुचित लाभ प्रदान कर सकती है, फिर चाहें वह Google, Amazon जैसी कंपनियां हो, या फिर स्थानीय स्टार्टअप्स आदि।

और इस बीच Reliance Jio रणनीति प्रमुख अंशुमान ठाकुर ने इकोनॉमिक टाइम्स को इस बात की जानकारी दी है कि RIL जल्द ही इस डील की मंजूरी के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से संपर्क करेगा। साथ ही कंपनी की ओर से यह भी कहा गया है कि CCI की ही मंजूरी एकमात्र ऐसी नियामक मंजूरी है जो इस डील के लिए आवश्यक है।

जानकारों की मानें तो मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली Jio और Facebook के बीच हुई इस डील को लेकर CCI बाजार पर पड़ सकने वाले प्रतिकूल प्रभावों और दूरसंचार व खुदरा क्षेत्र से जुड़ी संभावनाओं के साथ ही साथ सबसे मुख्य संयुक्त रूप से इन कंपनियों को मिलने वाले डेटा लाभ संबंधी पहलुओं का भी आँकलन करती नज़र आएगी।

Counterpoint Research के उपाध्यक्ष, नील शाह के अनुसार;

“सरकार को इन दोनों कंपनियों के बीच हुए डेटा-साझाकरण समझौते पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसे उपभोक्ताओं और सरकार दोनों के लिए पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।”

“इसमें सबसे अधिक ध्यान डेटा के विज्ञापनों को लेकर इस्तेमाल पर देने की जरूरत है। चूँकि ये कंपनियां डिजिटल कॉमर्स के लिए WhatsApp के चैनल का उपयोग कर सकती हैं, इसलिए एक विदेशी कंपनी के पास SMEs के लेनदेन की जानकारी भी जाने की संभावना है।”

“सरकार को इस पर स्पष्ट जानाकारी मांगनी चाहिए कि आखिर जब Facebook के पास करोड़ों Jio उपयोगकर्ताओं की डिटेल उपलब्ध हो जायेगी, तो वह उसका इस्तेमाल कैसे करेगा?”

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लेकिन इतना ही नहीं, बल्कि कई अन्य अधिकारियों का कहना यह भी है कि भारत का दूरसंचार नियामक TRAI भी उपभोक्ताओं और अन्य दूरसंचार कंपनियों के संबंध में इस डील पर नजरें गड़ाएं हुए है।

वहीँ सबसे दिलचस्प बात यह है कि Facebook India के एमडी अजीत मोहन ने इकॉनोमिक टाइम्स को दिए एक बयान में जाहिर किया कि Facebook और Jio के बीच हुई इस डील में डेटा शेयरिंग संबंधी कोई भी डील शामिल नहीं है।

आपको बता दें CCI मुख्यतः किसी भी कंपनियों के बीच लेनदेन में शामिल संस्थाओं की बाजार हिस्सेदारी की जांच करके निवेश, विलय या अधिग्रहण को मंजूरी देता है।

दरसल यह डेटा शेयरिंग का मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि WhatsApp के पास जहाँ भारत में 400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता आधार है, जो भारत के कुल स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं का करीब 80% है। वहीँ दूसरी ओर Jio के पास भी देश भर में 355 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं। और इस लिहाज़ से इतना व्यापक पैमाने पर डेटा संयुक्त रूप लेने पर किसी भी प्रकार से इस्तेमाल कर सकनें की संभावनाओं को जन्म देता है।

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