आज एक बड़े फैसले के तहत नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आखिरकार UPI ऐपों का इस्तेमाल कर व्यापरियों से नकद/कैश निकासी की अनुमति दे दी है।
जी हाँ! Cash-at-PoS मॉडल के तहत NPCI ने अब देश में यह अनुमति दी है। साथ ही बता दें NPCI इस संबंध में 1 जून 2020 से सेवा को शुरू करने के लिए NPCI जल्द ही आवश्यक दिशानिर्देशों को जारी करेगी।
वैसे इस अधिसूचना के अनुसार, इस प्रकार के UPI लेनदेन की सीमा टीयर I व टियर II क्षेत्रों में प्रति दिन 1,000 रुपये और टियर III व टियर VI क्षेत्रों में प्रति दिन 2000 रुपये तय की गयी है। साथ ही इस सुविधा के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एक खाते पर एक देनदार की UPI ID से केवल तीन बार ही सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इस बीच इस प्रकार के लेनदेन में कुल लेनदेन के मूल्य का 0.5% इंटरचेंज शुल्क चार्ज किये जाने की भी खबर है। इस प्रकार ऐसे लेनदेन में 5 रुपये तक के चार्ज की सीमा होने का अनुमान है। वैसे देनदार लेनदेन की क़ीमत का 1% तक चार्ज कर सकता है, जिसकी अधिकतम सीमा 10 रुपये होगी।
दिलचस्प यह है कि NPCI द्वारा इस दिशा में तब गंभीरता से विचार किया गया जब PhonePe द्वारा इस जनवरी में अपनी नयी PhonePe ATM सेवा को पेश किया गया। जिसके बाद PhonePe के प्रतिद्वंदियों ने NPCI द्वारा किसी भी प्रकार के मौजूदा नियमों के बिना इस सेवा को मंजूरी देने का आरोप लगाया है और इसकी आलोचना की थी।
हालाँकि अब NPCI ने इसको लेकर एक अधिकारिक नियम बना दिया है और जल्द ही इस दिशा में दिशानिर्देश भी जारी कर सकती है।
लेकिन जरा रुकिए! UPI सेवा क्षेत्र में पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन का ज्यादा इस्तेमाल करने वालों के लिए एक खबर ऐसी भी है, जो शायद ही उपयोगकर्ताओं द्वारा पसंद की जाए।
दरसल हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार UPI पेमेंट की सुविधा देने वाले बैंक अब पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन के लिए यूजर्स को चार्ज करेंगे।
हालाँकि इसमें शुरुआती 20 UPI आधारित पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन में किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जायेगा। लेकिन इस ट्रांजैक्शन सीमा के बाद आपको हर ट्रांजैक्शन पर एक निर्धारित शुल्क देना होगा।
कहा जा रहा है कि कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक सहित कई निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा दिए गये सुझाव के बाद ऐसा फैसला लिया गया है। इस बीच यह नियम 1 अप्रैल 2020 से लागु हो सकतें हैं।
आपको बता दें बैंकों द्वारा परंपरागत माध्यमों जैसे NEFT, RTGS, मोबाइल वॉलेट और अन्य द्वारा किए गए लेनदेन पर चार्ज हटा दिए गये हैं। और अभी तक UPI आधारित पीयर-टू-पीयर और पीयर-टू- मर्चेंट ट्रांजैक्शन की भी सुविधा नि: शुल्क प्रदान की जा रही थी।
वहीँ आपको इसके बारे में विस्तार से बताएं तो नए कथित नियम के अनुसार पहले 20 ट्रांजैक्शन के बाद जो शुल्क लिया जायेगा, वह ट्रांजैक्शन राशि पर निर्भर करेगा। ग्राहकों को 1000 रूपये तक के ट्रांजैक्शन पर 2.5 रूपये का भुगतान करना होगा, वहीँ उससे ज्यादा की राशि होने पर 5 रूपये तक का चार्ज लगाया जा सकता है। आपको बता दें इन चार्जों में GST शामिल नहीं है।
दरसल इन नए चार्ज से उन बैंकों के राजस्व में वृद्धि होगी जो आमतौर पर मुफ्त में UPI भुगतान की सुविधा देते हैं। लेकिन अब ये बैंक अपने खुद के ऐप या थर्ड पार्टी ऐप जैसे Paytm, PhonePe, Google Pay, Amazon Pay आदि के माध्यम से किये जाने वाले UPI भुगतान से राजस्व उत्पन्न कर सकेंगें।
इस बीच यह ध्यान देने वाली बात यह है कि NPCI द्वारा UPI ऐप्स का उपयोग करके नकद निकासी को भी P2P यानि पीयर टू पीयर मॉडल पर ही आधारित माना गया है।
साथ ही पिछले महीने एक डिजिटल मीडिया नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार PhonePe के सीईओ समीर निगम ने भी यह स्पष्ट किया था कि PhonePe ATM फीचर P2P मॉडल पर आधारित है।