काफी समय से राज्य और केंद्र सरकार द्वारा Ola और Uber जैसी कैब सेवाओं की सर्ज कीमतों को लेकर एक निश्चित सीमा तय करने की कोशिशें की जा रही हैं।
और अब इसी श्रृंखला में महाराष्ट्र राज्य सरकार ने ऐप-आधारित कैब सेवाओं जैसे Ola और Uber की सर्ज कीमतों को पारंपरिक ‘काली-पीली टैक्सी’ के किराये से तीन गुना तक ही रखने की सीमा तय कर दी है।
आपको बता दें वर्तमान में ‘काली-पीली टैक्सियों’ का किराया 14.84 रुपये/किमी निर्धारित किया गया है, इसलिए ऐसे में अब Ola-Uber जैसे कैब एग्रीगेटर अधिकतम मांग के वक़्त भी किराया 44.52 रुपये/किमी से अधिक नहीं बढ़ा सकेंगें।
लेकिन दिलचस्प पहलु यह है कि इन कैब एग्रीगेटरों का सामान्य किराया पारंपरिक ‘काली-पीली टैक्सी’ की तुलना में बहुत कम है।
इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि ऑटोरिक्शा और टैक्सियों के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र परिवहन प्राधिकरण (MMRTA) की मंजूरी के बाद किरायों में न्यूनतम 1 से 2 रुपये की वृद्धि हो सकती है।
दरसल इन विषयों पर बी.सी. खटुआ समिति की सिफारिशों के हिसाब से ही अमल किया जा रहा है। आपको बता दें इस समिति का गठन पिछली भाजपा-शिवसेना सरकार ने टैक्सी यूनियनों और यात्रियों की मांगों के बाद कैब एग्रीगेटरों द्वारा बढ़ाई जाने वाली सर्ज कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु किया था।
वहीँ मौजूदा सरकार ने कहा कि 6 अप्रैल तक कैब एग्रीगेटरों व ड्राइवरों के खिलाफ कोई ठोस करवाई नहीं की जाएगी क्यूँकि बॉम्बे हाईकोर्ट भी इस बीच पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई ‘सिटी टैक्सी स्कीम’ के खिलाफ कैब एग्रीगेटर्स की याचिका पर सुनवाई करने वाला है।