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RBI द्वारा YES Bank पर लगाई गई रोक से PhonePe हुआ प्रभावित; करीब 24 घंटें तक ठप रहीं सेवाएं

जहाँ एक तरह भारत की अर्थव्यवस्था की हालत निरशाजनक बनी हुई है, वहीं देश में बैंकों की स्थिति भी काफी सही नज़र नहीं आ रही है। और इन बैंकों के ग्राहकों के साथ ही साथ इनके साझेदारों को भी इसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

और अब ऐसा ही कुछ हुआ UPI संचालित डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म PhonePe के साथ भी, जिसके बैंकिंग पार्टनर YES Bank पर हाल ही में RBI द्वारा लगाए गये कुछ प्रतिबंधों का असर PhonePe पर भी पड़ता नज़र आया।

आपको बता दें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देश के चौथा सबसे बड़े बैंक पर आंशिक प्रतिबन्ध लगाते हुए इसको जाँच के दायरे में रखा गया है।

दरसल गुरुवार शाम 6 बजे से प्रभावी हुआ यह प्रतिबन्ध, बैंक द्वारा अपनी वित्तीय हालत में सुधार के लिए पूंजी न जुटा पाने और अपने बैंकिंग व्यवसाय का संचालन बनाए रखने के लिए पर्याप्त इक्विटी न हासिल कर सकने के चलते लगाया गया है, इन कारणों के चलते ही RBI ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया।

इस बीच RBI ने कहा कि

“एक विश्वसनीय पुनरुद्धार योजना के अभाव में और सार्वजनिक व बैंक के जमाकर्ताओं के हितों को देखते हुए हमारे पास कोई विकल्प नहीं था और इसलिए हमनें केंद्र सरकार से इस प्रतिबंध की मांग की थी।”

वहीँ PhonePe के संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने शुक्रवार को एक एक ट्वीट में कहा कि वह इसको लेकर काम कर रहें हैं और साथ ही उन्होनें जल्द ही सेवाओं के वापस बहाल होने की आशा व्यक्त की। उन्होनें कहा;

“हम इस लंबी रुकावट के लिए वाकई खेद है। हमारे सहयोगी बैंक, YES Bank पर RBI द्वारा कुछ प्रतिबन्ध लगाए गये हैं। हमारी पूरी टीम जल्द से जल्द सेवाओं को वापस शुरू करने के प्रयास कर रही है।”

हुआ भी कुछ ऐसा ही, दरसल 24 घंटे से अधिक समय तक ठप रहने के बाद अब PhonePe की सेवाएं वापस से बहाल हो चूँकि हैं। कंपनी ने सबसे पहले अपनी वॉलेट और शॉपिंग प्लेटफॉर्म की सेवा शुरू की फ़िर अपनी UPI सेवाएं भी।

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इस बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विषय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने RBI गवर्नर के साथ इस मामले पर चर्चा की और इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया गया। उन्होनें ग्राहकों को शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि उनका पैसा सुरक्षित है।

साथ ही उन्होनें बताया कि यह कोई पहली बार नहीं किया जा रहा है, RBI ने 2017 में भी बैंक के साथ ऐसा ही कुछ किया था और कुछ दिनों तक उसको निगरानी में भी रखा था।

आपको बता दें RBI ने गुरुवार शाम को YES Bank के ग्राहकों पर नकद निकासी को लेकर एक लिमिट तय कर दी है। RBI ने YES Bank के बोर्ड को भी निरस्त कर दिया है और SBI के पूर्व अधिकारी प्रशांत कुमार को बैंक का जिम्मा सौंपा है।

RBI ने यह भी बताया कि SBI ने YES Bank में 49% हिस्सेदारी हासिल करने की इच्छा भी जताई है।

वैसे इसक कारण भी है दरसल YES Bank 2014 से पहले और बाद में भी अनिल अंबानी Anil Ambani Group, Essel Group, Vodafone, DHFL और IL&FS जैसी कंपनियों को लोन देने इत्यादि के चलते अपनी वित्तीय स्थिरता से समझौता किया।

वहीँ दिलचस्प यह है कि YES Bank अपनी YES Fintech पहल के चलते UPI जगत में अग्रणी रहा है। इस बैंक ने UPI लेनदेन में सभी प्रमुख निजी बैंकों को पीछते हुए इस साल जनवरी महीनें में 39% की हिस्सेदारी रखी थी। उस महीनें कुल हुए 1.3 बिलियन UPI लेनदेनों में से 514 मिलियन लेनदेन अकेले इस बैंक द्वारा हुए थे।

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