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खरीदार न मिलता देख, Flipkart को अपना भारतीय Wholesale बिज़नेस बेंच सकता है Walmart

दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी Walmart को अपने भारतीय Wholesale बिज़नेस के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा है।

और ऐसे में खबर यह है कि Walmart अब अपने ही द्वारा अधिग्रहित किये गये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, Flipkart को अपना यह बिज़नेस बेच सकता है।

जी हाँ! ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक Flipkart अपनी मूल कंपनी के भारतीय Wholesale बिज़नेस में हिस्सेदारी ख़रीद सकता है।

आपको बता दें यह खबर तब आई जब Tata Group को Walmart द्वारा घाटे में चल रही Wholesale बिज़नेस इकाई बेचने संबंधी बातचीत का कोई परिणाम निकलता नज़र नहीं आ रहा है।

इस बीच Flipkart अब ऑनलाइन फूड और ग्रोसरी सेगमेंट में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और ऐसे में Walmart की B2B बिजनेस इकाई का अधिग्रहण कर कंपनी को भारत के इस असंगठित क्षेत्र की मांग को पूरा करने में मदद मिल सकती है।

Flipkart दरसल में B2B सेगमेंट के रिवर्स अधिग्रहण की कोशिश में हैं, जो B2B कारोबार में एक सहायक कंपनी के रूप में कार्य करेगा। हालाँकि सूत्रों के मुताबिक यह योजना सभी नियामक आवश्यकताओं के पूरा कर लिए जाने के बाद ही वास्तविकता की शक्ल ले पायेंगी।

आपको बता दें Walmart India फ़िलहाल पूरे भारत में 28 Wholesale स्टोर्स संचालित करता है। और अब इन स्टोर्स के जरिये Flipkart भारत के असंगठित किराना क्षेत्र और छोटी दुकानों से लेकर मॉल तक की आपूर्ति करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कंपनी को इस काम में Walmart वेयरहाउस से काफी मदद मिल सकेगी।

आपको बता दें Flipkart ने पहले भी इस ऑनलाइन फूड डिलीवरी मॉडल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कुछ कदम उठाए थे, जिसमें से एक Walmart और Flipkart द्वारा Ninjacart में किया गया निवेश भी शामिल है।

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आपको बता दें Ninjacart एक सप्लाई चेन स्टार्टअप है जो किसानों से सीधे फ्रेश फ़ूड की सोर्सिंग करने वाली कंपनियों को मदद करता है। इसने B2B लास्ट माइल लॉजिस्टिक नेटवर्क Shadowfox में निवेश करके हाइपरलोकल किराना स्टोरों में डिलीवरी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए भी कदम उठाए। Shadowfox ई-कॉमर्स, रेस्तरां, एफएमसीजी, फार्मा और ऑनलाइन-ऑफलाइन रिटेलर्स के लिए तकनीक-सक्षम डिलीवरी प्रदान करता है।

Walmart India ने जनवरी की शुरुआत में स्टाफ में 50 से अधिक अधिकारियों की छंटनी करके पहले ही यह इशारा कर दिया था कि कंपनी इस भारतीय कारोबार से अपना ध्यान हटाना चाहती है।

इसकी वजह भी है, दरसल Walmart भारत में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है। कंपनी के Wholesale बिज़नेस ने पिछले साल 4,065 करोड़ रुपये का राजस्व तो अर्जित किया, लेकिन वास्तविकता यह है कि इसके बाद भी कंपनी को करीब 171.68 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

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