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भारत में अब ‘Healthy Eating’ को लेकर Alexa होगा बच्चों का नया टीचर

अक्सर आपने सुना होगा कि भारत तकनीकों को तेजी से अपनाने वाले देशों की सूची में टॉप स्थानों में शुमार है। दरसल इसका एक बहुत बड़ा कारण है, भारत में युवाओं की बढ़ती तादात!

जी हाँ! युवा यानि वह जो आजकल अक्सर आपको मोबाइल या लैपटॉप इत्यादि पर ऑन-स्क्रीन जीवन बिताते नज़र आते रहतें हैं। लेकिन इस जीवनशैली में सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं उनके खाने संबंधी आदतें। इस वर्ग में जंक फूड्स आदि की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

देश में मोटापे रुपी महामारी दर 5% है, और शर्मनाक यह है कि यह हर साल तेजी से बढ़ रही है। और शायद इसलिए अब देश के राष्ट्रीय खाद्य नियामक ने दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी Amazon के साथ मिलकर स्कूल स्तर से ही Alexa के इस्तेमाल से बच्चों को ‘सही खाने की आदतों’ के बारे में जागरूक करने का फ़ैसला किया है।

आंकड़ों की बात करें तो भारत में 5.74% से 8.82% स्कूली बच्चे मोटापे के शिकार हैं। और दुनियाभर में युवा शक्ति के रूप में पहचाने जाने वाले देश के लिए यह काफी चिंताजनक बात है। और अब FSSAI ने स्कूलों में खाने संबंधी सही आदतों की जागरूकता के लिए लैब शुरू करने का फ़ैसला किया है, जिसमें बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित खाने के बारे में जानकारी प्रदान की जायेंगी।

इस मौके पर Food Safety & Standards Authority of India के सीईओ, पवन अग्रवाल ने कहा

“अपने ‘Eat Right’ कैंपेन के तहत हमारा मकसद बच्चों को खाने संबंधी सभी आदतों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, और यह जानकारी भी ऐसे तरीकों को उनको आकर्षित करे।”

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इस कार्यक्रम का उद्देश्य Alexa का इस्तेमाल करके बच्चों को स्वस्थ खानपान की आदतों के बारे में जागरूक करते हुए, टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनका ध्यान खीचने का है।

दरसल FSSAI यह समझ चुका है कि इन सही सीखों के लिए बच्चों के स्तर पर रुचिकर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस कार्यक्रम की सफलता का आँकड़ा बढ़ा सकता है।

इस बीच ऐसा लगता है कि सरकार अब जंक फूड के खिलाफ़ एक व्यापक अभियान शुरू करके देश में मोटापे की बीमारी और इसके कारणों का खात्मा करने का मन बना चुकी है। इसके तहत सरकार ने स्कूल कैंटीन, मेस, हॉस्टल किचन या कैंपस के 50 मीटर के दायरे में हाई फैट, साल्ट और सुगर वाले खाद्य पदार्थों पर बैन लगा दिया है।

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