Site icon NewsNorth

P2P लोन प्रदाताओं को बड़ी राहत; RBI ने लिमिट को बढ़ाकर किया 50 लाख रूपये

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज P2P (Peer to Peer) लोन देने की लिमिट बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है।

आपको बता दें यह लिमिट की गई राशि वह है जो कोई भी निवेशक सभी P2P प्लेटफार्मों में निवेश कर सकता है। दरसल यह ऐलान RBI की मौद्रिक नीति घोषणा के अंतर्गत ही किया गया है।

इसके तहत देश के इस बैंकिंग नियामक ने कहा कि वह इस लिमिट को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये कर रहा है।

आपको बता दें P2P क्षेत्र में पर्सनल लोन आवेदनकर्ता डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से लोन प्रदाताओं से जुडें होते हैं, और लोन प्रदाता केवल एक मार्केटप्लेस की भूमिका में नज़र आता है।

साथ हीयह भी बताना चाहेंगें कि ऐसी करीब 15+ कंपनियों ने RBI में गैर-बैंकिंग वित्तीय P2P कंपनियों जैसे लोन प्रदान करने वाले प्लेटफार्मों के रूप में रजिस्टर किया है।

इस नए क्षेत्र के गठन की माँग काफी लम्बें अरसे से की जा रही है। इस बीच खबर यह भी है कि P2P खिलाड़ियों के लिए उद्योग संघ ने RBI को पत्र लिखकर लिमिट को बढ़ाने का अनुरोध किया था। संघ के मुताबिक कम लिमिट इस क्षेत्र के विकास में एक बाधा बन रही थी।

Association of NBFC P2P Platforms के सचिव, राजीव एम रंजन के अनुसार, 

“यह लिमिट वृद्धि साफ़ दर्शाती है कि यह उद्योग काफी तेजी से उभर रहा है और साथ ही इस लिमिट वृद्धि के बाद अब इसके विकास और प्रसार की रफ़्तार और भी तेज हो जाएगी। और लिमिट वृद्धि का अनुरोध मान कर RBI ने भी इस उद्योग की क्षमता पर अपना विश्वास दर्शाया है।”

See Also

“दरसल हम इसे एक सकारात्मक आंदोलन के रूप में देखते हैं और यह कदम इस नए जन्में उद्योग के लिए एक बड़ी और अच्छी पहल साबित होगा, जो लोन प्रदाताओं और आवेदनकर्ताओं के लिए एक वैकल्पिक बैंकिंग समाधान प्रदान करता नज़र आएगा।” 

यह बात सच है कि RBI इस क्षेत्र में काफी दिलचस्पी लेता नज़र आ रहा है और शायद इसलिए हाल ही में इस केंद्रीय बैंक ने कई उद्योग प्रतिनिधित्वों के लिए दरवाजे खोले हैं और यहां तक ​​कि यह हर P2P प्लेटफॉर्म के वित्तीय प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी भी रख रहा है।

हालाँकि दिलचस्प रूप से रंजन के अनुसार उन्होनें इस लिमिट को बढ़ाकर करीब 1 करोड़ रुपये तक करने की माँग की थी लेकिन RBI ने फ़िलहाल 50 लाख रुपये तक की लिमिट वृद्धि पर ही मोहर लगाई है। 

लेकिन यह साफ़ है कि इस नए ऐलान के बाद से इस क्षेत्र में निवेश और निजी इक्विटी फंडिंग की संभवानाएं काफी बढ़ जायेंगी। दरसल जानकारों के मुताबिक कम लिमिट एक बहुत बड़ा कारण था जिसके चलते निवेशक इस क्षेत्र की ओर कम ही रुख करते थे।

Exit mobile version