आईटी जगत में एक जाना माना नाम टी. वी. मोहनदास पाई ने सोमवार को देश के गहराते आर्थिक संकट को लेकर आगामी ख़तरे के बारे में लोगों को चेताया।
दरसल मोहनदास पाई के अनुसार देश में आईटी कंपनियाँ इस साल आर्थिक मंदी के चलते 30,000 से 40,000 मिड लेवल कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं।
जी हाँ! यह आँकड़ा सुनने में भी बड़ा है और हकीकत में भी। लेकिन आपको बता दें कि देश में आईटी जगत में प्रसिद्ध नाम Infosys Ltd के पूर्व चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर रहे मोहनदास पाई ने लोगों से छिनते इस रोजगार को इस क्षेत्र में क़रीब हर पांच साल में होने वाली एक सामान्य घटना का करार दिया है।
PTI को दिए एक बयान में मोहनदास पाई ने
“पश्चिम देशों में जैसा की सभी सेक्टरों में अक्सर होता है, कि जब कोई सेक्टर परिपक्व हो जाता है, तब मिडल लेवल के बहुत से कर्मचारी कंपनी में कोई वैल्यू ऐड करते नज़र नहीं आते और इसलिए कंपनियां ऐसा रवैया अपनाती हैं, और यही अब भारत के आईटी जगत में हो रहा है।”
जब कंपनियां तेजी से आगे बढ़ती हैं तो प्रमोशन इत्यादि सब सही नज़र आता है, लेकिन मंदी के समय तो मोटा वेतन पाने वाले लोग हाई लेवल में एकत्र हो जातें हैं, और वह धीरे धीरे पिरामिड में मिड लेवल के लोगों की छटनी को बढ़ावा देना चाहते हैं।
Aarin Capital और Manipal Global Education Services के चेयरमैन पाई ने कहा,
“यह हर पांच साल में बार-बार होता है। जब तक आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तब तक मोटी सैलरी और उच्च-भुगतान वाली नौकरी के हकदार भी नहीं साबित होतें हैं?”
“लोगों के यह समझना चाहिए कि वह हर वक़्त कंपनी में कोई वैल्यू ऐड करते नज़र आयें।”
“और मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में इस साल करीब 30,000 से 40,000 मिड लेवल स्टाफ को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है।”
हालाँकि दिलचस्प रूप से पाई ने यह भी कहा कि जो लोग नौकरी गंवाते हैं उनमें से लगभग 80 प्रतिशत के पास इसी क्षेत्र में दुबारा रोजगार हासिल करने का भी अवसर होता है, बशर्ते वह अपने काम में वाकई अच्छे हों या विशेषज्ञ हों।